राज्य का दर्जा बहाल करना नीतिगत मामला, राजनीतिक मुद्दा नहीं: जम्मू कश्मीर भाजपा प्रमुख |

राज्य का दर्जा बहाल करना नीतिगत मामला, राजनीतिक मुद्दा नहीं: जम्मू कश्मीर भाजपा प्रमुख

राज्य का दर्जा बहाल करना नीतिगत मामला, राजनीतिक मुद्दा नहीं: जम्मू कश्मीर भाजपा प्रमुख

:   Modified Date:  October 26, 2024 / 05:23 PM IST, Published Date : October 26, 2024/5:23 pm IST

जम्मू, 26 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करना कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि नीतिगत मामला है।

रैना ने कहा कि इस विषय पर किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचना चाहिए क्योंकि पिछले 35 वर्षों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण जम्मू-कश्मीर पहले ही काफी नुकसान उठा चुका है।

रैना, उधमपुर जिले में भाजपा के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।

यह कार्यक्रम 1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को औपचारिक दस्तावेज पर अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के हस्ताक्षर किए जाने की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था।

रैना ने लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का प्रत्येक नागरिक देश की एकता और अखंडता के लिए अथक प्रयास करता रहेगा तथा देशभक्ति व समर्पण की भावना के साथ तिरंगे को ऊंचाईयों तक पहुंचाएगा।

रैना ने केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने के सवाल पर कहा कि जम्मू-कश्मीर एक संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र है, जो पिछले 35 वर्षों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेल रहा है और यहां के लोग अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों, सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कड़ी मेहनत के माध्यम से पिछले 10 वर्षों में यहां शांति, सद्भाव और समृद्धि बहाल हुई है।”

रैना ने कहा, “अब जबकि विधानसभा चुनाव के बाद नयी सरकार का गठन हो चुका है तो मुझे लगता है कि संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति किए बिना आपसी सहयोग से चर्चा और समाधान किया जाना चाहिए।”

भाजपा नेता ने कहा, “फैसले खासकर महत्वपूर्ण मामलों में जल्दबाजी में नहीं लिए जाने चाहिए। राज्य का दर्जा बहाल करना कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि नीतिगत मामला है और केंद्र शासित प्रदेश की सरकार को केंद्र के साथ अपनी बातचीत जारी रखनी चाहिए। इस विषय पर किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचना चाहिए।”

भाषा जितेंद्र सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)