कचरा न फैलाने का संकल्प लें, देश को एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से मुक्त करना ही है- मोदी | Resolve not to spread garbage, free the country from one-time plastics: PM Modi

कचरा न फैलाने का संकल्प लें, देश को एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से मुक्त करना ही है- मोदी

कचरा न फैलाने का संकल्प लें, देश को एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से मुक्त करना ही है- मोदी

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 PM IST
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Published Date: December 27, 2020 7:47 am IST

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से कूड़ा-कचरा न फैलाने का संकल्प लेने का आग्रह किया और एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से देश को मुक्त करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 72वें संस्‍करण में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने 2014 और 2018 के बीच तेंदुओं की संख्‍या में साठ प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की और इसे देश के लिए ‘‘बड़ी’’ उपलब्धि करार दिया। उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम में रहने वाले प्रदीप सांगवान और कर्नाटक के युवा दंपती अनुदीप तथा मिनूषा द्वारा स्वच्छता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए देशवासियों से उनकी तरह सफाई अभियान चलाने का अनुरोध किया।

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मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन उससे भी पहले हमें ये संकल्प भी लेना चाहिए कि हम कचरा फैलाएंगे ही नहीं। आखिर, स्वच्छ भारत अभियान का भी तो पहला संकल्प यही है।’’ सांगवान वर्ष 2016 से ‘‘हीलिंग हिमालयाज’’ नाम से अभियान चला रहे हैं और वह अपनी टीम तथा स्वयंसेवकों के साथ हिमालय के अलग-अलग इलाकों में जाते हैं और जो प्लास्टिक कचरा पर्यटक वहां छोड़कर जाते हैं, उसे साफ करते हैं।

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इसी प्रकार अनुदीप और मिनूषा कर्नाटक के सोमेश्वर समुद्र तट पर कचरा साफ करते हैं। उनकी इस सोच से प्रभावित होकर अनेक युवा उनके साथ जुड़ गए। प्रधानमंत्री ने बताया कि इन लोगों ने मिलकर सोमेश्वर समुद्र तट से 800 किलोग्राम से ज्यादा कचरा साफ किया है। मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से इस साल एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के बारे में अधिक चर्चा नहीं हो पाई।

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उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश को एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से मुक्त करना ही है। ये भी 2021 के संकल्पों में से एक है।’’ भारत में तेंदुओं की संख्‍या में लगातार हुई बढ़ोतरी को वन्यजीवों के संरक्षण की दुनिया के लिए एक मिसाल बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में शेरों और बाघों की संख्‍या में भी बढ़ोतरी हुई है तथा भारत में वन्‍य क्षेत्र का भी विकास हुआ है।

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वर्ष 2014 में देश में तेंदुओं की संख्या लगभग 7,900 थी, वहीं 2019 में इनकी संख्या बढ़कर 12,852 हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘देश के अधिकतर राज्यों में, विशेषकर मध्य भारत में, तेंदुओं की संख्या बढ़ी है। तेंदुए की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है।’’

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मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब तेंदुओं को पूरी दुनिया में वर्षों से खतरों का सामना करते रहना पड़ा है और दुनियाभर में उनके प्राकृतिक वास को नुकसान हुआ है, भारत ने तेंदुओं की आबादी में लगातार बढ़ोतरी कर पूरे विश्व को एक रास्ता दिखाया है। उन्‍होंने इसके लिए देशवासियों, नागरिक समाज और पेड़-पौधों तथा वन‍स्‍पतियों के संरक्षण में लगी संस्‍थाओं के प्रयासों की प्रशंसा की।

 

 
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