यूरोप: नागरिकता संशोधन कानून का भारी विरोध होने के बावजूद केंद्र सरकार ने देश में लागू कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर इस कानून को खिलाफ कई राज्यों में हिंसा का दौर लगातार जारी है। वहीं, सीएए को लेकर केरल और पंजाब ने विधानसभा में कानून को लागू नहीं करने का प्रस्ताव पास किया है। इसी बीच खबर आ रही है कि नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा अब यूरोपीय संसद तक पहुंच गया है। सीएए के खिलाफ पेश किए गए इस प्रस्ताव पर यूरोपीय संसद बहस और मतदान करेगी। वहीं, यूरोपीय संसद में प्रस्ताव पेश किए जाने का भारत ने विरोध किया है, साथ ही कहा है कि यह देश का आंतरिक मामला है। भारत ने कहा है कि यूरोपीय संसद को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई विधायिका के अधिकारों पर सवाल उठे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूरोपीय संसद में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किए जाने को लेकर भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि ‘हम उम्मीद करते हैं कि यूरोपीय यूनियन में इस प्रस्ताव को लाने वाले और इसका समर्थन करने वाले लोग सभी तथ्यों को समझने के लिए भारत से संपर्क करेंगे। ईयू संसद को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे लोकतांत्रिक तरीके से चुनी विधायिका के अधिकारों पर सवाल खड़े हों।
यूरोपीय संसद में पेश किए गए प्रस्ताव में भारत सरकार से अपील की गई हे कि वे प्रदर्शन कर रहे लोगों से रचनात्मक वार्ता करे और भेदभावपूर्ण कानून को निरस्त करने को लेकर विचार करे। नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत में नगरिकता तय करने के तरीके से खतरनाक बदलाव आएगा। इससे कई लोग बेघर हो जाएंगे, उनके पास यह समस्या खड़ी हो जाएगी कि कहां जाएं। इससे पूरी दुनिया में में विशाल संकट पैदा हो सकता है।
बताया जा रहा है कि सीएए को लेकर पेश किए गए प्रस्ताव में बुधवार को बहस होगी को चर्चा की जाएगी और इसके बाद गुरुवार को मतदान करवाया जाएगा।
Read More: सिटी बस की चपेट में आकर युवक की मौत, आक्राशित लोगों ने किया जमकर हंगामा, किया पथराव
Follow us on your favorite platform: