नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चार बार पत्र लिखकर कृत्रिम बारिश कराने के लिए ‘क्लाउड सीडिंग’ के वास्ते तत्काल मंजूरी मांगी है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण से निपटने में मदद मिल सकती है।
दिल्ली में बदतर होती वायु गुणवत्ता के बीच, राय ने मंगलवार को केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान किया। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 से ऊपर है जो “गंभीर प्लस” श्रेणी में आता है।
राय ने अपने नवीनतम पत्र में कहा, “30 अगस्त, 10 अक्टूबर और 23 अक्टूबर को पत्रों के माध्यम से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने स्थिति का संज्ञान नहीं लिया है या दिल्ली सरकार की अपील का जवाब नहीं दिया है।”
राय ने कहा कि प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए ग्रैप चार के तहत प्रतिबंध लागू किए जा रहे हैं, लेकिन शहर में छाये घने स्मॉग की परत को केवल हवा या बारिश से ही तोड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ‘क्लाउड सीडिंग’ के माध्यम से कृत्रिम वर्षा एक व्यवहार्य आपातकालीन उपाय है, जिसके लिए दिल्ली सरकार धन मुहैया कराने को तैयार है, लेकिन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय जैसी प्रमुख केंद्रीय एजेंसियों की मंजूरी के बिना इस पर आगे नहीं बढ़ा जा सकता।
राय ने कहा, “जब तक हम स्मॉग की परत को नहीं तोड़ेंगे, दिल्ली को प्रदूषण से राहत नहीं मिल सकती।“क्लाउड सीडिंग’ के जरिए संकट को कम करने और नागरिकों को तत्काल राहत प्रदान करने में मदद मिल सकती है।”
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए आपातकालीन उपाय के रूप में ‘क्लाउड सीडिंग’ की संभावना तलाशने के वास्ते पिछले वर्ष आईआईटी कानपुर के साथ काम किया था।
हालांकि, केंद्रीय प्राधिकारियों से मंजूरी के संबंध में इसे प्रक्रियात्मक बाधाओं का सामना करना पड़ा।
वर्तमान स्थिति की गंभीरता पर जोर देते हुए राय ने अपने पत्र में कहा, “मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह कृत्रिम वर्षा के लिए आवश्यक मंजूरी में तेजी लाने के खातिर आईआईटी कानपुर और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों सहित सभी हितधारकों के साथ एक आपातकालीन बैठक बुलाएं।”
इससे पहले एक प्रेस वार्ता के दौरान, राय ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उत्तर भारत में स्वास्थ्य संकट को जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा, “केंद्र की उदासीनता निराशाजनक और परेशान करने वाली है।”
राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री की आलोचना करते हुए कहा, “ अगर मैंने किसी अन्य देश के पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा होता तो वह हमारी सरकार से ज्यादा जल्दी जवाब दे दे देते।”
भाषा
नोमान नरेश
नरेश
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