गणतंत्र दिवस: नौसेना की झांकी में तीन अग्रणी युद्धपोतों को प्रदर्शित किया गया |

गणतंत्र दिवस: नौसेना की झांकी में तीन अग्रणी युद्धपोतों को प्रदर्शित किया गया

गणतंत्र दिवस: नौसेना की झांकी में तीन अग्रणी युद्धपोतों को प्रदर्शित किया गया

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Modified Date: January 26, 2025 / 12:21 PM IST
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Published Date: January 26, 2025 12:21 pm IST

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) 76वें गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय नौसेना की झांकी में पिछले दिनों राष्ट्र को समर्पित किए गए तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को प्रदर्शित किया गया।

तीनों युद्धपोतों का डिजाइन और निर्माण पूरी तरह भारत में हुआ है और इससे देश की रक्षा उत्पादन क्षेत्र में बढ़ती दक्षता रेखांकित होती है। यह ‘आत्मनिर्भरता’ की भावना के प्रतीक भी हैं।

एक मिश्रित मार्चिंग दस्ते और नौसेना के एक बैंड ने कर्तव्य पथ पर परेड में भाग लिया।

इस दल में शामिल सदस्यों की औसत आयु 25 वर्ष थी। अधिकारियों के मुताबिक इन कर्मियों को भारतीय नौसेना की सभी शाखाओं से सावधानीपूर्वक चयन किया गया है और इस आयोजन के लिए उन्हें दो महीने से अधिक का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों को शामिल किया जाना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है।

आईएनएस नीलगिरि परियोजना 17ए स्टील्थ फ्रिगेट श्रेणी का शीर्ष जहाज है जो शिवालिक श्रेणी के युद्धपोतों में महत्वपूर्ण उन्नयन को दर्शाता है।

भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किए गए और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में निर्मित आईएनएस नीलगिरि में उन्नत विशेषताएं हैं।

यह आधुनिक विमानन सुविधाओं से परिपूर्ण है तथा एमएच-60 आर समेत विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर का परिचालन कर सकता है।

परियोजना 15 बी स्टील्थ विध्वंसक श्रेणी का चौथा और अंतिम युद्धपोत आईएनएस सूरत कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक पोतों की अगली पीढ़ी का सदस्य है।

इसके डिजाइन और क्षमता में सुधार किए गए हैं और यह नौसेना के सतह पर रहने वाले बेड़े का महत्वपूर्ण सदस्य है।

इसे भी आईएनएस नीलगिरि की तरह वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और एमडीएल में इसका विनिर्माण किया गया है।

आईएनएस वाघशीर स्कॉर्पीन श्रेणी की परियोजना 75 के तहत छठा और अंतिम युद्धपोत है। यह बहुभूमिका वाला डीजल-विद्युत संचालित पोत है।

भाषा ब्रजेन्द्र प्रशांत

प्रशांत

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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