गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर दिखी भारत की सैन्य शक्ति और विविधिता की झलक |

गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर दिखी भारत की सैन्य शक्ति और विविधिता की झलक

गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर दिखी भारत की सैन्य शक्ति और विविधिता की झलक

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Modified Date: January 26, 2025 / 03:18 PM IST
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Published Date: January 26, 2025 3:18 pm IST

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस पर यहां रविवार को आयोजित भव्य परेड में कर्तव्य पथ पर भारत की सैन्य शक्ति, कला एवं संस्कृति, विविधिता और सरकारी योजनाओं की सफलता की झलक देखने को मिली।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी भारतीय लोकतंत्र के इस भव्य आयोजन के साक्षी बने।

देश के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी और देश-विदेश के कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

परेड समारोह के लिए मुर्मू और सुबियांतो, पारंपरिक बग्गी में सवार होकर कर्तव्य पथ पहुंचे। यह परंपरा 40 साल के अंतराल के बाद 2024 में फिर से शुरू की गई थी।

इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति सुबियांतो इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि थे। इसके साथ ही, वह विश्व के उन चुनिंदा नेताओं की सूची में शुमार हो गए जिन्होंने पिछले सात दशकों में देश के सबसे बड़े समारोह की शोभा बढ़ाई है।

सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति हैं। इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में, भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे।

देश की विविधता प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे परिधान पहने 300 सांस्कृतिक कलाकारों ने रविवार को यहां कर्तव्य पथ पर ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन पर मार्च करते हुए 76वें गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत की।

ये कलाकार देश के विभिन्न हिस्सों के लोकसंगीत से जुड़े वाद्ययंत्र बजा रहे थे।

देश ने गणतंत्र दिवस समारोह में अपनी सैन्य शक्ति का भव्य प्रदर्शन किया। इसमें विशिष्ट मार्चिंग टुकड़ियां, मिसाइलें और विभिन्न स्वदेशी हथियार शामिल थे।

पहली बार, सशस्त्र बलों के बीच तारतम्यता की व्यापक भावना को दर्शाती सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) की झांकी कर्तव्य पथ पर देखने को मिली।

इसमें स्वदेशी अर्जुन युद्ध टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर के साथ सैन्य अभियान का प्रदर्शन करते हुए युद्धक्षेत्र के परिदृश्य को प्रदर्शित किया गया।

सेना के तीनों अंगों की झांकी का विषय ‘‘सशक्त और सुरक्षित भारत’’ था।

घुड़सवार दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट अहान कुमार ने किया। वर्ष 1953 में स्थापित 61 कैवलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार रेजिमेंट है। इसके बाद नौ मशीनीकृत टुकड़ियों और नौ मार्चिंग टुकड़ियों ने परेड की।

टैंक टी-90 भीष्म, एनएजी मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट प्रणाली, अग्निबाण मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, आकाश हथियार प्रणाली, एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली और ‘ऑल-टेरेन व्हीकल’ (चेतक) भी परेड का हिस्सा बने।

हल्के विशेष वाहन ‘बजरंग’, वाहन पर लगे पैदल सेना मोर्टार सिस्टम ‘ऐरावत’, त्वरित प्रतिक्रिया बल वाहन नंदीघोष और त्रिपुरांतक तथा ‘शॉर्ट-स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’ को भी प्रदर्शित किया गया।

सेना की मार्चिंग टुकड़ियों में ‘ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स’, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, महार रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट और सिग्नल कोर शामिल थे।

भारतीय नौसेना की टुकड़ी में 144 कर्मी शामिल थे, जिनका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल अहलूवालिया और पलटन कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर इंद्रेश चौधरी, लेफ्टिनेंट कमांडर काजल अनिल भरानी और लेफ्टिनेंट देवेंद्र ने किया।

नौसेना की में देश के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम एक मजबूत आत्मनिर्भर नौसेना को दर्शाया गया।

झांकी में आईएनएस सूरत, युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि और पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर सहित अग्रिम पंक्ति के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को प्रदर्शित किया गया। ये स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन और निर्माण के मामले में भारत की तीव्र प्रगति के परिचायक हैं।

झांकी ने एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा परिवेश बनाने के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया।

भारतीय वायुसेना की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर महेंद्र सिंह गराती के नेतृत्व में चार अधिकारी और 144 कर्मी शामिल थे। इसके बाद ‘‘बाज फॉर्मेशन’’ में तीन मिग-29 विमानों द्वारा ‘फ्लाई-पास्ट’ किया गया।

परेड का एक और आकर्षण ‘‘विकसित भारत की ओर सदैव अग्रसर’’ विषय पर पूर्व सैनिकों की झांकी थी।

खेलों में भारत का नाम रोशन करने वाले कई दिग्गज खिलाड़ी भी परेड का हिस्सा थे।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपनी झांकी में अपने द्वारा विकसित कई महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया।

डीआरडीओ की झांकी में त्वरित प्रतिक्रिया वाली, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हवाई प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली, 155 मिमी/52-कैलिबर वाली उन्नत तोपें प्रदर्शित की गईं।

इसमें उपग्रह-आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम-शक्ति रडार अरुध्र, उन्नत हल्के टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली धाराशक्ति, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली और मानव रहित हवाई प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया।

परेड में, पहली बार स्वदेश विकसित ‘प्रलय’ मिसाइल प्रणाली का प्रदर्शन किया गया।

गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशिया के 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दल ने भी हिस्सा लिया। यह पहली बार था कि इंडोनेशिया के किसी मार्चिंग और बैंड दल ने अन्य देश में राष्ट्रीय परेड में भाग लिया।

कर्तव्य पथ पर मार्च करने वाली टुकड़ियों में सहायक कमांडेंट ऐश्वर्या जॉय एम के नेतृत्व में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 148 सदस्यीय महिला मार्चिंग टुकड़ी शामिल थी।

असम राइफल्स दल का नेतृत्व 29 असम राइफल्स के कैप्टन करणवीर सिंह कुंभावत ने किया। इसमें देशभर से भर्ती किए गए सैनिक शामिल थे।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ऊंट टुकड़ी की कमान डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खींची ने संभाली थी।

कर्तव्य पथ पर भारत की सैन्य शक्ति के साथ ही सांस्कृतिक समृद्धि की भी झलक देखने को मिली और कई राज्यों तथा केंद्र सरकार के विभागों की झांकियों में यह देखने को मिली।

उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, गुजरात, झारखंड, उत्तराखंड और कुछ अन्य राज्यों की झांकियों में उन प्रदेशों की संस्कृति एवं विरासत के साथ विकास के नये आयाम को दर्शाया गया।

गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी में ‘समुद्र मंथन’, ‘अमृत कलश’ और संगम तट पर डुबकी लगाते साधु-संतों के प्रदर्शन के साथ प्रयागराज में जारी महाकुंभ को प्रदर्शित किया गया। उत्तर प्रदेश की झांकी में ‘विकास’ और ‘विरासत’ का अद्धभुत ‘संगम’ भी प्रदर्शित किया गया।

पश्चिम बंगाल की झांकी में महिलाओं को मासिक आय की गारंटी प्रदान करने वाली राज्य की “लक्ष्मी भंडार” योजना और लोक कलाकारों को बढ़ावा देने वाली “लोक प्रसार प्रकल्प” पहल को दर्शाया गया।

गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा रही केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक झांकी के माध्यम से सरकार की प्रमुख योजनाओं की सफलता को प्रदर्शित किया गया।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की झांकी में भारत के संविधान के प्रति सम्मान व्यक्त करने के साथ इसे देश की विरासत, विकास और भविष्य के लिए मार्गदर्शन की आधारशिला के रूप में चित्रित किया गया।

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अपनी झांकी के माध्यम से कर्तव्य पथ पर आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पर मनाए जा रहे जनजाति गौरव वर्ष की झलक पेश की।

समारोह का समापन भारतीय वायुसेना के 40 विमानों और हेलीकॉप्टरों के हैरतअंगेज करतब के साथ हुआ।

बेड़े में 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और सात हेलीकॉप्टर शामिल थे।

इनमें राफेल, सुखोई-30, जगुआर, सी-130, सी-295, सी-17, डोर्नियर-228 और एएन-32 विमान शामिल हैं। हेलीकॉप्टर अपाचे और एमआई-17 भी शामिल थे।

भाषा हक हक सुभाष

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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