रेड्डी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए भगवान वेंकटेश्वर को भी नहीं बख्शने का आरोप लगाया |

रेड्डी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए भगवान वेंकटेश्वर को भी नहीं बख्शने का आरोप लगाया

रेड्डी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए भगवान वेंकटेश्वर को भी नहीं बख्शने का आरोप लगाया

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Modified Date: March 22, 2025 / 08:35 PM IST
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Published Date: March 22, 2025 8:35 pm IST

तिरुपति (आंध्र प्रदेश) 22 मार्च (भाषा) युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) नेता एवं तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष बी करुणाकर रेड्डी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए भगवान वेंकटेश्वर स्वामी को भी नहीं बख्शने का आरोप लगाया।

बी करुणाकर रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू में ‘‘सच्ची भक्ति का अभाव है और वह धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करते हैं।’’

रेड्डी ने नायडू की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने भगवान के सामने झूठ बोला और स्वयं को एक भक्त बताने के बावजूद सनातन धर्म (हिंदू धर्म) को कमजोर किया।

उन्होंने नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण पर ‘‘विपक्ष में रहते हुए श्रीवाणी ट्रस्ट पर भ्रष्ट होने का गलत आरोप लगाया।’’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘श्रीवाणी ट्रस्ट को तेदेपा सरकार के तहत शुरू किया गया था और यह वाईएसआरसीपी के तहत फूला-फला और देश भर में 3,600 मंदिरों को वित्त पोषित किया। एक सतर्कता जांच में कोई अनियमितता नहीं पायी गई, फिर भी नायडू ने एक पाखंडी कदम के तहत मंदिर निर्माण के लिए एक और ट्रस्ट जोड़ते हुए ट्रस्ट को जारी रखने की योजना बनाई है।’’

वाईएसआरसीपी नेता रेड्डी ने नायडू द्वारा भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की अराकू कॉफी से कथित तुलना की निंदा की और तिरुमाला के जल संकट का 90 दिनों में समाधान करने के उनके दावे को चुनौती दी।

रेड्डी ने श्यामला राव को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) का कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने के लिए नायडू की आलोचना की और कहा कि मुख्यमंत्री ने तिरुपति लड्डू प्रसादम पर राव के निष्कर्षों का खंडन किया है।

रेड्डी के अनुसार, अन्नदानम (श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त भोजन) और मंदिर के काम में गैर-हिंदुओं पर प्रतिबंध वाईएस राजशेखर रेड्डी के शासनकाल में लागू किए गए थे, नायडू के शासनकाल में नहीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि तेदेपा ने तिरुमला में ओबेरॉय और देवलोक होटल परियोजनाओं को मंजूरी दी, लेकिन पुरोहितों के विरोध के बाद वाईएसआरसीपी पर दोष मढ़ दिया।

इसके अलावा, उन्होंने टीटीडी पर ‘वाईएसआरसीपी-समर्थक दुकानदारों को डराने’ का आरोप लगाया और नायडू द्वारा मंदिर में आम श्रद्धालुओं की तुलना में वीआईपी को प्राथमिकता दिए जाने की निंदा की।

भाषा अमित माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)