Twitter ने प्रसार भारती के CEO, किसान एकता मोर्चा सहित 250 से अधिक एकाउंट किया सस्पेंड, किसान आंदोलन को लेकर किए ट्वीट पर एक्शन

Twitter ने प्रसार भारती के CEO, किसान एकता मोर्चा सहित 250 से अधिक एकाउंट किया सस्पेंड, किसान आंदोलन को लेकर किए ट्वीट पर एक्शन

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  • Publish Date - February 1, 2021 / 12:25 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

नई दिल्‍ली: 26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली पर किसान परेड को लेकर कथित तौर पर किए गए भ्रामक ट्वीट के चलते ट्विटर ने करीब 250 से अधिक नामी लोगों का एकाउंट सस्पेंड कर दिया है। बताया जा रहा है कि सस्पेंड किए गए एकाउंट में प्रसार भारती के सीईओ ‘किसान एकता मोर्चा’, ‘द कारवां’ मैगजीन सहित कुछ पॉलिटिकल ऐक्टिविस्‍ट्स के अकाउंट्स शामिल हैं।

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बता दें कि ‘किसान एकता मोर्चा’ के ट्विटर एकाउंट को ही किसान नेताओं ने अपना अधिकारिक एकाउंट बताया था। इनसभी के प्रोफाइल पर क्लिक करने पर लिखकर आ रहा है कि संबंधित अकाउंट पर ‘एक कानूनी मांग के जवाब में भारत में रोक लगा दी गई है।’ किसान रैली के हिंसक होने के बाद, 27 जनवरी को ट्विटर ने कहा था कि उसने 300 से ज्‍यादा अकाउंट्स को सस्‍पेंड कर दिया था।

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इनके अकाउंट्स पर लगी है रोक
मोहम्‍मद सलीम, CPI (M) के पूर्व राज्‍यसभा सांसद
शशि शेखर, प्रसार भारती के सीईओ
सुशांत सिंह, ऐक्‍टर
आरती, आम आदमी पार्टी
हंसराज मीणा, पॉलिटिकल ऐक्टिविस्‍ट
संजुक्‍ता बासु, पॉलिटिकल ऐक्टिविस्‍ट
मोहम्‍मद आसिफ खान, पॉलिटिकल ऐक्टिविस्‍ट
द कारवां, मैगजीन
किसान एकता मोर्चा

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क्‍यों लगाई गई रोक?
न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर को करीब 250 ऐसे अकाउंट्स पर रोक लगाने के लिए कहा था जो #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के तहत आपत्तिजनक और भड़काऊ ट्वीट्स कर रहे थे। ये ट्वीट्स 30 जनवरी को किए गए। मंत्रालय ने यह कदम गृह मंत्रालय और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुरोध पर उठाया था। आशंका थी कि ऐसे ट्वीट्स से कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति बिगड़ सकती थी।

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ट्विटर ने कही ये बात
विभिन्‍न अकाउंट्स पर रोक लगाने को लेकर ट्विटर का बयान आया है। न्‍यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कंपनी का कहना है कि अगर कोई अधिकृत संस्‍था ठीक से अनुरोध करती है तो किसी देश में कुछ कंटेंट का एक्‍सेस रोकना जरूरी हो सकता है। अभ‍िव्‍यक्ति के अधिकार की रक्षा के लिए पारदर्शिता जरूरी है, इसलिए रोके गए कंटेंट के लिए हमारी एक नोटिस नीति है। कंटेंट पर रोक लगाने का अनुरोध मिलने पर, हम प्रभावित खाताधारक को जानकारी देते हैं।

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