पुलिस की लाख कोशिश के बावजूद महिलाओं, युवतियों और नाबालिग बच्चियों के साथ अपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लगातार आपराधिक घटनाएं घट रही हैं। पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। इसके बावजूद क्राइम थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब नया मामला उत्तर प्रदेश के संभल का है। जहां एक नाबालिग गैंगरेप पीड़िता ने आरोपियों पर कार्रवाई न होने के कारण आत्महत्या कर ली। आरोप है कि रेपिस्टों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर सुसाइड किया। पीड़िता ने सीओ से डीआईजी तक से कार्रवाई के लिए फरियाद की, लेकिन कार्रवाई की जगह पुलिस उस पर ही दबाव बना रही थी।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि कुढ़फतेहगढ़ थाना पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार नहीं किया और उसके साथियों को बचाने की कोशिश की। इसकी शिकायत पीड़ित परिवार लगातार संबंधित अधिकारियों से करता रहा। लाख गुहार लगाने के बाद भी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया, जिससे आहत होकर बुधवार को पीड़िता ने जान दे दी।
मामला कुढ़फतेहगढ़ थाना इलाके के एक गांव का है। 15 जुलाई को 15 साल की एक नाबालिग से गैंगरेप हुआ था। उसके साथ यह घिनौनी वारदात गांव के ही रहने वाले एक युवक ने अपने चार साथियों के साथ के साथ मिलकर की थी। 15 जुलाई को थाने में एक आरोपी के खिलाफ पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
रेप पीड़िता की मौत के बाद पुलिस के हाथ-पाव फूल गए और पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने बाकी आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपियों को पकड़ने के लिए एसओजी टीम गठित की है। फिलहाल पीड़ित परिवार ने पुलिस पर जबरन जवाब बनाने के साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार न करने का आरोप लगा रहे हैं। गैंगरेप पीड़िता ने बुधवार को फांसी लगाकर जान दे दी। उसकी मां स्कूल गई थी, जब लौटी तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा खोला गया तो अंदर बेटी की लाश फंदे से झूल रही थी। मां का आरोप है कि पुलिस लगातार समझौते का दबाव बना रही थी, पुलिस ने आरोपियों से परेशान लिए हैं।
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