RamBhadracharya Maharaj On Mohan Bhagwat

RamBhadracharya Maharaj: मोहन भागवत के मंदिर वाले बयान पर भड़के प्रसिद्ध संत रामभद्राचार्य महाराज, जताई असहमति, जानें उन्होंने क्या कहा

RamBhadracharya Maharaj On Mohan Bhagwat: मोहन भागवत के मंदिर वाले बयान पर भड़के प्रसिद्ध संत रामभद्राचार्य महाराज

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Modified Date: December 23, 2024 / 12:14 PM IST
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Published Date: December 23, 2024 12:06 pm IST

नई दिल्ली: RamBhadracharya Maharaj On Mohan Bhagwat देश में मंदिर मस्जिद का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ उत्तर प्रदेश कें संभल में शाही ईदगाह के स्थान पर मंदिर होने का दावा गर्माया हुआ है। तो वहीं दूसरी ओर राजस्थान के अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में भी संकट मोचन मंदिर होने का दावा किया गया है। इन सब विवादों के बीच आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने का बयान समाने आया था। जिसके बाद अब उनके बयान पर देश के साधु संतों की प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गए हैं। इसी बीच प्रसिद्ध संत रामभद्राचार्य का पहली प्रक्रिया सामने आई है। उन्होंने उनके दिए हुए भाषण पर असहमति जताई है।

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संत रामभद्राचार्य ने कहा मोहन भागवत ने कहा था कि कुछ लोग हिंदुओं के नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं, इस पर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं मोहन भागवत जी के बयान से बिल्कुल सहमत नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत हमारे अनुशासक रहे हैं हम उनके अनुशासक है। लेकिन उनका विचार इस मामले में उनके साथ नहीं मिलता।

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क्या बोले थे मोहन भागवत?

RamBhadracharya Maharaj On Mohan Bhagwat मोहन भागवत ने कहा था कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है। भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का विषय था। उन्होंने कहा कि हर दिन एक नया मामला (विवाद) उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता। भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं।

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर हिन्दू धर्मस्थल होने के दावों की आलोचना करते हुए इसे कुछ लोगों द्वारा खुद को हिंदूवादी नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश करार दिया है | इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है –
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मोहन भागवत ने अपने बयान में क्या कहा था?

मोहन भागवत ने कहा था कि भारत को यह दिखाने की आवश्यकता है कि सभी धर्मों के लोग सद्भावना और शांति से एक साथ रह सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर का निर्माण हिंदू आस्था का विषय था और इसके आसपास जो विवाद उठ रहे हैं, उन्हें खत्म किया जाना चाहिए।

संत रामभद्राचार्य ने मोहन भागवत के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?

संत रामभद्राचार्य ने मोहन भागवत के बयान पर असहमति जताई और कहा कि वह उनके विचार से सहमत नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि मोहन भागवत उनके अनुशासक रहे हैं, लेकिन इस मामले में उनके विचार अलग हैं।

राम मंदिर विवाद पर मोहन भागवत का क्या कहना था?

मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हिंदू आस्था का मामला था और यह विवाद अब और नहीं बढ़ना चाहिए। उनका मानना था कि इस मुद्दे पर आगे कोई नया विवाद नहीं उठना चाहिए।

क्या संत रामभद्राचार्य ने किसी अन्य मुद्दे पर मोहन भागवत से असहमति जताई थी?

इस समय, संत रामभद्राचार्य ने केवल मोहन भागवत के बयान पर असहमति जताई है, जो धार्मिक विवादों और हिंदू नेताओं के बारे में था। उन्होंने कहा कि इस मामले में उनके विचार अलग हैं, लेकिन अन्य मुद्दों पर उन्होंने मोहन भागवत से असहमति नहीं जताई।

रामभद्राचार्य महाराज का धर्म के विवादों के समाधान पर क्या दृष्टिकोण है?

संत रामभद्राचार्य का मानना है कि धार्मिक विवादों का समाधान शांति और समझ से होना चाहिए, और हर धर्म और आस्था के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।

 
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