मोदी सरकार की बड़ी जीत, तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास..जानिए बिल को लेकर अहम बातें

मोदी सरकार की बड़ी जीत, तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास..जानिए बिल को लेकर अहम बातें

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  • Publish Date - July 30, 2019 / 04:01 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

लोकसभा के बाद राज्य सभा में भी तीन तलाक बिल पास हो गया है। लगभग 4 घंटे की बहस के बाद वोटिंग हुई और बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट गिरे। तीन तलाक बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पास हो चुका है, अब बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

बता दें कि इससे पहले राज्यसभा में तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव वोटिंग के बाद गिर गया, प्रस्ताव के पक्ष में 84 और विपक्ष में 100 वोट पड़े। बिल का विरोध करने वाली कई पार्टियां वोटिंग के दौरान राज्यसभा से वॉकआउट कर गई। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है।

साढ़े 4 घंटे की लंबी बहस 

राज्यसभा में इस बिल पर लगभग साढ़े चार घंटे बहस चली। कंग्रेस और बीएसपी समते पीडीपी और एआईडीएमके ने भी इस बिल का विरोध किया। एआईएडीएमके ने बिल को सिलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद पीडीपी सांसद मोहम्मद फैयाज ने भी बिल का विरोध किया।  

तीन तलाक बिल : राज्यसभा में क्या हुआ ?

तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश होने के बाद कानून मंत्री रवि शंकर ने कहा कि  तीन तलाक बिल को राजनीतिक चश्मे या वोट बैंक की राजनीति के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिये। यह मानवता का सवाल है। यह महिलाओं को न्याय दिलाने के मकसद से एवं उनकी गरिमा तथा अधिकारिता सुनिश्चित करने के लिये पेश किया गया है।

तीन तलाक बिल : पहले क्या था ?

सरकार का पक्ष

रविशंकर प्रसाद ने शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार द्वारा लाए गए विधेयक का भी जिक्र किया और कहा- ‘मैं नरेंद्र मोदी सरकार का कानून मंत्री हूं, राजीव गांधी सरकार का कानून मंत्री नहीं हूं।  उन्होंने कहा कि यदि मंशा साफ हो तो लोग बदलाव की पहल का समर्थन करने को तैयार रहते हैं। जब इस्लामिक देश अपने यहां अपनी महिलाओं की भलाई के लिए बदलाव की कोशिश कर रहे हैं, तो हम तो एक लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष देश हैं, हमें यह काम क्यों नहीं करना चाहिए

तीन तलाक बिल : बिल पास होने के बाद क्या होगा?

विपक्ष का विरोध

राज्यसभा में कांग्रेस सहित अधिकतर विपक्षी दलों के साथ साथ अन्नाद्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस ने भी तीन तलाक बिल का विरोध किया और सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की मांग की। उच्च सदन में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद कहा कि जब तलाक देने वाले पति को तीन साल के लिए जेल भेज दिया जाएगा तो वह पत्नी एवं बच्चे का गुजारा भत्ता कैसे देगा? उन्होंने आगे कहा कि ‘यह घर के चिराग से घर को जलाने की कोशिश’ की तरह है।

तीन तलाक पर अहम बातें

तीन तलाक बिल  : अब तक क्या-क्या हुआ