राज्यसभा : कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के आसन के समक्ष आने को लेकर सभापति ने जताई नाराजगी |

राज्यसभा : कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के आसन के समक्ष आने को लेकर सभापति ने जताई नाराजगी

राज्यसभा : कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के आसन के समक्ष आने को लेकर सभापति ने जताई नाराजगी

:   Modified Date:  June 28, 2024 / 04:04 PM IST, Published Date : June 28, 2024/4:04 pm IST

(तस्वीर सहित)

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों द्वारा नीट-यूजी परीक्षा के पेपर लीक मामले में सरकार को घेरते हुए हंगामा किए जाने के बीच नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सदन में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक के स्वयं आसन के समक्ष आ जाने पर क्षोभ व्यक्त करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि वरिष्ठों के सदन में यह आचरण उन्होंने किया जिनसे नेतृत्व की अपेक्षा की जाती है।

सभापति धनखड़ ने कहा ‘‘सदन में (विपक्षी सदस्यों द्वारा) जिस तरह का आचरण किया गया, वह अविश्वसनीय है, वह मेरे लिए बेहद पीड़ादायी है। ’’

उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे वरिष्ठ नेता हैं, वह सदन में विपक्ष के नेता हैं, लेकिन वह आज आसन के समक्ष आ गए।

सभापति ने कहा कि सदन में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी तथा वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक भी आसन के समक्ष आ गए। उन्होंने कहा ‘‘यह बेहद पीड़ादायी आचरण है। हमें नेता प्रतिपक्ष से ऐसे आचरण की उम्मीद करते हैं जो नजीर बने।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘मेरे लिए जो बेहद पीड़ादायी बात है वह यह है कि उन्होंने बाहर जा कर भ्रामक बातें कहीं, बिल्कुल गलत बातें कहीं, बिल्कुल झूठ कहा। उन्होंने जो कहा वह विरोधाभासी है। ’’

सभापति ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर की गरिमा पर आघात पहुंचाया गया, उसे तार-तार किया गया और वरिष्ठों के सदन में यह सब उन्होंने किया जिनसे नेतृत्व की अपेक्षा की जाती है।

इस पर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।

इससे पहले सभापति कहा था कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे स्वयं आसन के समक्ष आ गये जो पहले कभी नहीं हुआ।

सभापति ने यह टिप्पणी उस समय की जब विपक्ष के सदस्य राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा के दौरान लगातार हंगामा कर रहे थे। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) से जुड़ी कथित अनियमितताओं, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ‘नाकामी’ और पेपर लीक से जुड़े मुद्दों पर विपक्षी सदस्य आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद से ही चर्चा कराने की मांग पर हंगामा कर रहे थे।

हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब आधे घंटे के भीतर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इसके बाद बैठक पुन: शुरू होने पर भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर अपनी बात को आगे बढ़ाया। त्रिवेदी के भाषण के बीच ही सदन के नेता जे पी नड्डा ने चर्चा में व्यवधान को लेकर विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधा।

नड्डा की बात खत्म होते ही सभापति धनखड़ ने कहा, ‘‘आज का दिन भारतीय संसद के इतिहास में इतना दागी हो गया है कि प्रतिपक्ष के नेता स्वयं आसन के समक्ष आए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कभी नहीं हुआ है। मैं पीड़ित हूं। मैं अचंभित हूं। भारतीय संसदीय परंपरा इतनी गिर जाएगी कि प्रतिपक्ष के नेता आसन के समक्ष आएंगे, उप नेता (विपक्ष के) आसन के समक्ष आएंगे।’’

इसके बाद उन्होंने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इस बारे में खरगे ने आरोप लगाया कि वह उच्च सदन में ‘नीट-यूजी’ का विषय उठाना चाहते थे, लेकिन सभापति ने उन्हें अपमानित करने के लिए जानबूझकर नजरअंदाज किया।

खरगे ने यह दावा भी किया कि विपक्ष के प्रति सभापति का व्यवहार सौतेला था। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘गत सात वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं, करोड़ों युवाओं से मोदी सरकार ने विश्वासघात किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम नीट घोटाले पर नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कर पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज़ उठाना चाहते थे। इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे। हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने (सभापति ने) इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया।’’

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भाषा मनीषा माधव

माधव

 

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