राजस्थान: भूमि राजस्व संशोधन विधेयक प्रवर समिति को भेजा गया |

राजस्थान: भूमि राजस्व संशोधन विधेयक प्रवर समिति को भेजा गया

राजस्थान: भूमि राजस्व संशोधन विधेयक प्रवर समिति को भेजा गया

Edited By :  
Modified Date: March 21, 2025 / 07:50 PM IST
,
Published Date: March 21, 2025 7:50 pm IST

जयपुर, 21 मार्च (भाषा) राजस्थान भूमि राजस्व (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2025 शुक्रवार को विधानसभा में बहस के दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के विधायकों द्वारा जताई गई चिंताओं के बीच प्रवर समिति को भेज दिया गया।

संशोधित विधेयक राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (रीको) को भूमि उपयोग में परिवर्तन का अधिकार देता है।

विधेयक का अनेक विधायकों ने विरोध किया था।

राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए विधेयक को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी जब प्रभारी मंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी देने वाले थे तब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मत विभाजन की मांग की और कहा कि इसे प्रवर समिति के बजाय जनमत जानने के लिए भेजा जाना चाहिए।

हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने इसे मंजूरी नहीं दी, जिसके बाद कांग्रेस के विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक इसलिए भाग रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि देश में लगाए गए ‘आपातकाल’ के मुद्दे पर सदन में चर्चा होगी।

उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में प्रवर समिति को भेजा जाने वाला यह दूसरा विधेयक है।

इससे पहले राजस्थान भूजल (संरक्षण एवं प्रबंधन) प्राधिकरण विधेयक भी प्रवर समिति को भेजा गया था।

कांग्रेस के साथ ही भाजपा के कई विधायकों ने भी भू-राजस्व संशोधन एवं विधिमान्यकरण विधेयक का विरोध किया। कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि कुछ नेता इस विधेयक के जरिए अपना हित साधना चाहते हैं।

वहीं भाजपा विधायक अनिता भदेल ने भी विधेयक के कुछ प्रावधानों का विरोध किया।

उन्होंने कहा कि ‘रीको’ को भूमि उपयोग परिवर्तन का अधिकार देने का कोई औचित्य नहीं है।

इससे पहले भरतपुर से राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के विधायक सुभाष गर्ग ने कहा कि बड़े उद्योगपति सस्ते दामों पर जमीन खरीदते हैं और जब वह जमीन शहरीकरण के दायरे में आती है तो उसे कई गुना कीमत पर बेचते हैं तथा जमीन का उपयोग बदल देते हैं।

उन्‍होंने कहा क‍ि रीको को उद्योग के लिए काम करने का अधिकार दें, उसे जमीन का उपयोग बदलने का अधिकार न दें।

सादुलपुर से विधायक मनोज कुमार ने सवाल उठाया कि जब भविष्य के लिए कानून बनते हैं तो उन्हें पूर्वव्यापी (पिछले) प्रभाव से क्यों लागू किया जाए।

निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने भी विधेयक के प्रावधानों का विरोध किया। भाषा पृथ्वी जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)