राजस्थान: एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोप में निर्दलीय उम्मीदवार गिरफ्तार |

राजस्थान: एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोप में निर्दलीय उम्मीदवार गिरफ्तार

राजस्थान: एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोप में निर्दलीय उम्मीदवार गिरफ्तार

:   Modified Date:  November 14, 2024 / 04:55 PM IST, Published Date : November 14, 2024/4:55 pm IST

( तस्वीर सहित )

जयपुर, 14 नवंबर (भाषा) राजस्थान के टोंक जिले में मतदान के दौरान एक एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोप में देवली-उनियारा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को नाटकीय घटनाक्रम और हिंसा के बाद बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

बुधवार दोपहर उस समय तनाब बढ़ गया जब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव लड़ रहे कांग्रेस के बागी नेता मीणा ने एसडीएम मालपुरा अमित चौधरी का कॉलर पकड़ा और उनको थप्पड़ जड़ दिया। बृहस्पतिवार को भी तनाव का माहौल रहा।

यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परिषद और संबद्ध सेवाओं के अधिकारी मीणा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कलम बंद हड़ताल पर चले गए जिसके कारण बृहस्पतिवार सुबह राज्य के सरकारी कार्यालयों में काम प्रभावित रहा। उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात नहीं होगी तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे।

इससे गुस्साए मीणा के समर्थन भी उग्र हो गए। मतदान केंद्र के बाहर भड़की हिंसा में करीब 60 दोपहिया और 18 चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। यह हिंसा उस समय भड़की जब पुलिस ने मीणा और उनके समर्थकों को धरने पर बैठने से रोकने की कोशिश की।

हिंसा के बाद बृहस्पतिवार तड़के करीब 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया

दिन चढ़ने के साथ ही तनाव बढ़ता गया। राज्य की राजधानी जयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर समरवता में हिरासत में लिए जाने के बाद कैमरामेन पर गुस्सा दिखाते हुए मीणा ने कहा, ‘‘मैं आत्मसमर्पण नहीं करूंगा।’’

गांव में अंशात भीड़ को घूमते देखा जा सकता था, इसलिए पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निगरानी बढ़ा दी है।

मीणा की गिरफ्तारी की योजना सावधानी से बनाई गई।

पुलिस प्रशासन पूरी मजबूत के साथ तैनात किया गया जिसमें दंगा रोधी टीम के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे और उन्होंने फ्लैग मार्च किया। टोंक के पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने पुलिस दल को गांव में प्रवेश करने और मीणा को हिरासत में लेने का अंतिम निर्देश दिया।

मीणा की गिरफ्तारी के बाद उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव भी किया, लेकिन किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। मीणा के कथित समर्थकों ने सड़कें जाम कर दीं, जिन्हें हटा दिया गया।

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा, ‘‘ये कोई भी हो सकते हैं… सरकार अपराध करने वालों के प्रति सख्त है। हम पूरी घटना की जांच करवा रहे हैं और रिपोर्ट मांगी गई है तथा जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’

पुलिस महानिरीक्षक (अजमेर) ओम प्रकाश के अनुसार, मीणा के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित चार मामले दर्ज किए गए हैं।

यह मामला तब शुरू हुआ जब एसडीएम चौधरी अधिक लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने समरावता गांव को देवली के बजाय उनियारा उप मंडल में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। लोगों का कहना है कि उनियारा उनके लिए सबसे नजदीक है। मीणा ग्रामीणों का समर्थन कर रहे थे।

घटना के समय मतदान केंद्र के बाहर सैकड़ों लोग मौजूद थे। बाद में मीणा मतदान केंद्र के बाहर धरने पर बैठ गए और अपने समर्थकों से लाठी-डंडे लेकर इकट्ठा होने को कहा।

मतदान समाप्त होने के बाद पुलिस ने मीणा और उनके समर्थकों से कहा कि वे वहां से चले जाएं, ताकि मतदान दल ईवीएम के साथ मतदान केंद्र से निकल सके। पुलिस ने कहा कि हालांकि वे हिंसक हो गए और पुलिस पर पथराव किया।

गिरफ्तारी से पहले मीणा ने टोंक जिलाधिकारी सौम्या झा और पुलिस अधीक्षक सांगवान को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, ‘‘गिरफ्तार किए गए सभी 60 लोग निर्दोष हैं। अगर किसी को सजा मिलनी चाहिए तो वह मुझे मिलनी चाहिए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात एसडीएम भाजपा के कहने पर काम कर रहे थे।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने (एसडीएम ने) 30 लोगों को कार्रवाई करने की धमकी देकर वोट दिलवाए। मैं खुद को रोक नहीं सका। मैंने उन्हें थप्पड़ मार दिया। यह सही है। उनकी इस हरकत को देखते हुए उन्हें और थप्पड़ मारे जाने चाहिए थे।’’

आरएएस एसोसिएशन की महासचिव नीतू राजेश्वर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि जो कुछ हुआ उसे बदर्शत नहीं किया जा सकता।

राजेश्वर ने कहा, ‘‘ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती। एसडीएम अमित चौधरी को उस समय थप्पड़ मारा गया, जब वह निष्पक्ष रूप से अपना चुनाव कर्तव्य निभा रहे थे। एसोसिएशन बृहस्पतिवार को कलम बंद हड़ताल पर है। अन्य मांगों पर मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन देने के बाद हम हड़ताल समाप्त करेंगे। हमारी सभी मांगें संवैधानिक हैं। हम जनता के कामों में बाधा नहीं आने देना चाहते।’’

देवली-उनियारा समेत सात विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कल बुधवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान हुआ और 23 नवंबर को मतगणना होगी।

भाषा

खारी मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)