जयपुर, 22 मार्च (भाषा) राजस्थान सरकार ने पेपर लीक मामले में निलंबित दौसा जिले के पटवारी को बर्खास्त कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस-एसओजी) वीके सिंह ने बताया कि आरोप सिद्ध होने के बाद दौसा जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार ने शुक्रवार को पटवारी हर्षवर्धन मीणा को सेवा से बर्खास्त कर दिया।
सिंह ने बताया, ‘‘जेईएन भर्ती परीक्षा 2020 के प्रश्नपत्र लीक मामले में गिरफ्तारी से पहले दौसा जिले के महवा में पटवारी के पद पर रहे हर्षवर्धन मीणा के खिलाफ तीन आरोपों की जांच पूरी होने के बाद शुक्रवार को दौसा जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार ने उसे बर्खास्त कर दिया।’’
अधिकारी ने बताया कि हर्षवर्धन दो जनवरी 2024 से ड्यूटी से अनुपस्थित था। उसे पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) जयपुर ने 18 फरवरी 2024 को पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश में भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपने और अपने परिवार के नाम पर विभिन्न प्रकार की चल-अचल संपत्ति अर्जित की, जिसका उल्लेख वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट में नहीं किया गया।
अधिकारी ने बताया कि यही उनकी सरकारी सेवा समाप्ति का आधार थे।
सिंह ने बताया, ‘‘हर्षवर्धन की पत्नी सरिता मीणा को भी पिछले साल दिसंबर में इसी मामले में बर्खास्त कर दिया गया था जो भीलवाड़ा में पटवारी के पद पर कार्यरत थी। उन पर अपनी जगह किसी अन्य अभ्यर्थी के जरिए पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा-2021 पास करने का आरोप था।’’
मामला सामने आने के बाद वह फरार हो गई थी और बाद में भीलवाड़ा जिलाधिकारी ने 24 दिसंबर 2024 को उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया।
राजस्थान सरकार ने पेपर लीक मामलों की जांच के लिए दिसंबर 2023 में एसआईटी का गठन किया था।
सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर एसआईटी गठित होने के बाद कुल 86 लोक सेवकों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है जिनमें एसआई-भर्ती परीक्षा-2021 में चयनित 45 प्रशिक्षु उप निरीक्षक भी शामिल हैं।
भाषा कुंज खारी
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