नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) जयपुर में इस महीने की शुरुआत में एक अस्पताल में इलाज के दौरान 10 वर्षीय बच्चे को कथित तौर पर ‘गलत’ श्रेणी का खून चढ़ाए जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को राजस्थान सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया।
मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि इस मामले में ऐसी ‘‘लापरवाही’’ के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए ‘‘गहन जांच’’ की आवश्यकता है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
एनएचआरसी ने मीडिया में आई एक खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए यह नोटिस जारी किया।
खबर के मुताबिक, जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज (एसएमएस) के जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान 10 वर्षीय बच्चे को गलत श्रेणी का खून चढ़ा दिया गया।
इसमें कहा गया कि बच्चे की हालत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
खबर के मुताबिक, लड़के को पांच दिसंबर और सात दिसंबर को कथित तौर पर दो अलग-अलग प्रकार का रक्त चढ़ाया गया था।
आयोग ने कहा कि अगर खबर सच्ची है तो यह लड़के के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है।
बयान के मुताबिक, चिकित्सकों या चिकित्सा पेशेवरों द्वारा की गई किसी भी तरह की लापरवाही से मरीजों को अपूरणीय क्षति हो सकती है और कुछ महीने पहले ही जयपुर के एसएमएस अस्पताल में 23 वर्षीय एक मरीज की मौत की खबर आई थी।
बयान में कहा गया, “एक ही अस्पताल में गलत श्रेणी का रक्त चढ़ाने से जुड़े लापरवाही के ये दो मामले वास्तव में चौंकाने वाले हैं और आयोग के लिए चिंता का विषय हैं क्योंकि यह मरीजों के स्वास्थ्य व जीवन के अधिकार का उल्लंघन है।”
इसमें कहा गया कि आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट में पीड़ित बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति, प्राथमिकी, जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और अधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए मुआवजे (अगर दिया गया है) की स्थिति बताए जाने की उम्मीद है।
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)