राजस्थान: हवाई अड्डे पर हृदयाघात पीड़ितों की सेवा के लिए पांच स्वचालित एईडी मशीन लगाई गईं |

राजस्थान: हवाई अड्डे पर हृदयाघात पीड़ितों की सेवा के लिए पांच स्वचालित एईडी मशीन लगाई गईं

राजस्थान: हवाई अड्डे पर हृदयाघात पीड़ितों की सेवा के लिए पांच स्वचालित एईडी मशीन लगाई गईं

:   Modified Date:  September 11, 2024 / 04:55 PM IST, Published Date : September 11, 2024/4:55 pm IST

जयपुर, 11 सितंबर (भाषा) जयपुर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अचानक हृदयाघात की स्थिति में पीड़ित की सेवा के लिए पांच स्वचालित एक्स्ट्रनल डिफ्रिबिलेटर (एईडी) मशीन लगाई गई हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि हवाई अड्डा भवन में अलग-अलग स्थानों पर ये मशीन लगाई गई हैं।

स्वचालित एक्स्ट्रनल डिफ्रिबिलेटर (एईडी) मशीन पोर्टेबल डिवाइस है जिसका उपयोग अचानक हृदयाघात होने पर पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देने के लिए किया जा सकता है। ये उपयोग में आसान है। इसमें एक स्वचालित ‘वॉयस इंस्ट्रक्शन सिस्टम’ है जिसे एक बटन दबाकर चालू किया जा सकता है।

हवाई अड्डे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इन एईडी मशीनों को हवाई अड्डा भवन में रखा गया है। ये मशीनें किसी को हृदयाघात की स्थिति में, पीड़ित की धड़कन बहाल करने के लिए तत्काल सहायता के रूप में बड़ी कारगर हैं। इससे पीड़ितों के बचने की संभावना बढ़ जाती है।’

उन्होंने कहा किसी व्यक्ति को अचानक हृदयाघात होने पर आस-पास के कर्मचारी या यात्री एईडी का उपयोग कर सकते हैं और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) तुरंत शुरू किया जाना चाहिए।

पूरी प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, हवाई अड्डे के कर्मचारियों, ड्यूटी मैनेजरों व हाउसकीपिंग स्टाफ के लिए एक व्यापक सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया गया।

सीपीआर सत्र का आयोजन करने वाली रुक्मणी बिड़ला अस्पताल की कंसल्टेंट डॉ अपर्णा पांडे ने कहा कि सीपीआर सिर्फ कार्यस्थल के लिए नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा कौशल है जिसका इस्तेमाल कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है, जिससे आप अपने समुदाय और घर में एक मूल्यवान संसाधन बन सकते हैं।

डॉ पांडे ने कहा,’संकट के समय ये मशीनें जीवन रक्षक एजेंट के रूप में कार्य कर सकती हैं।’

भाषा पृथ्वी जोहेब

जोहेब

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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