Rajasthan Cabinet expansion: 12 कैबिनेट और दस राज्य मंत्रियों ने ली शपथ, यहां देखें राजस्थान मंत्रिमंडल का पूरा विवरण |

Rajasthan Cabinet expansion: 12 कैबिनेट और दस राज्य मंत्रियों ने ली शपथ, यहां देखें राजस्थान मंत्रिमंडल का पूरा विवरण

Rajasthan Cabinet expansion: कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले विधायकों में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ व डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी शामिल हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में विधायकों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।

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Modified Date: December 30, 2023 / 07:33 PM IST
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Published Date: December 30, 2023 6:37 pm IST

Rajasthan Cabinet expansion: जयपुर, 30 दिसंबर। राजस्थान में मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार शनिवार को हुआ जब 12 कैबिनेट व 10 राज्य मंत्री बनाए गए। इनमें पांच राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। इसके साथ ही भजनलाल शर्मा मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री व दो उपमुख्यमंत्रियों सहित कुल मंत्रियों की संख्या 25 हो गई। इनमें से 20 चेहरे ऐसे हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं।

इस नवगठित मंत्रिपरिषद के इस विस्तार में युवाओं व अनुभवी विधायकों का मिश्रण दिख रहा है। कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले विधायकों में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ व डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी शामिल हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में विधायकों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।

सत्तारूढ़ भाजपा ने करणपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अपने उम्मीदवार सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को भी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया है। इस सीट पर पांच जनवरी को मतदान होना है। कांग्रेस ने इसके लिए भाजपा की आलोचना की है।

नवनियुक्त कैबिनेट मंत्रियों में शामिल नाम

नवनियुक्त कैबिनेट मंत्रियों में डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैयालाल चौधरी व सुमित गोदारा शामिल हैं।

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में ली शपथ

वहीं संजय शर्मा, गौतम कुमार, झाबर सिंह खर्रा, सुरेंद्रपाल टीटी व हीरालाल नागर को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ दिलाई गई। इसके अलावा ओटाराम देवासी, डॉ. मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, के के बिश्नोई व जवाहर सिंह बेढम ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली।

कैबिनेट मंत्री बनाए गए किरोड़ी मीणा (सवाई माधोपुर) छठी बार के विधायक हैं। वह दो बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। वह पूर्व मंत्री भी रहे हैं। वहीं गजेंद्र सिंह खींवसर चौथी बार के विधायक हैं। वह जोधपुर जिले की लोहावट सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह भी पहले मंत्री रह चुके हैं।

जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट से जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर (ग्रामीण सीट) से दो बार लोकसभा सदस्य र‍हे हैं। वह पहली बार विधायक बने हैं। राठौड़ एक ओलंपियन और पूर्व सेना अधिकारी हैं। बाबूलाल खराड़ी उदयपुर की झाड़ोल विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह चौथी बार विधायक चुने गए हैं।

मदन दिलावर छठी बार विधायक चुने गए हैं। वे पूर्व मंत्री हैं। लूणी से विधायक जोगाराम पटेल व पुष्कर से विधायक सुरेश सिंह रावत तीसरी बार के विधायक हैं। दूसरी बार विधायक बने अविनाश गहलोत पाली जिले की जैतारण सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। दूसरी बार के विधायक जोराराम कुमावत पाली की सुमेरपुर सीट से हैं। वहीं हेमंत मीणा प्रतापगढ़ से पहली बार विधायक बने हैं। वह पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के बेटे हैं।

कन्हैया लाल चौधरी मालपुरा (टोंक) से तीसरी बार के विधायक हैं। दूसरे कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा बीकानेर जिले की लूणकरणसर सीट से हैं, दूसरी बार विधायक बने हैं। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा (अलवर शहर), गौतम कुमार दक (बड़ी सादड़ी), झाबर सिंह खर्रा (श्रीमाधोपुर), हीरालाल नागर (सांगोद) दूसरी बार के विधायक हैं।

तीसरी बार विधायक बने ओटाराम देवासी (सिरोही), वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में राज्य मंत्री थे। उन्हें भी राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया है। नागौर जिले की जायल सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली दलित चेहरा मंजू बाघमार को भी राज्यमंत्री बनाया गया है। वहीं राज्यमंत्री बने विजय सिंह चौधरी नावां (नागौर) से विधायक हैं। वह दूसरी बार के विधायक हैं। मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए के के विश्नोई (गुड़ामालानी), जवाहर सिंह बेढम (नगर) पहली बार विधायक बने हैं।

जाति के हिसाब से नवगठित मंत्रिपरिषद

जाति के हिसाब से देखा जाए तो नवगठित मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री शर्मा सहित ब्राह्मण समाज के दो, जाट समाज के चार, राजपूत समाज के तीन, अनुसूचित जाति व जनजाति समाज के तीन-तीन विधायकों को मंत्री बनाया गया है। पूरे मंत्रिपरिषद को देखा जाए तो मुख्‍यमंत्री व दो उपमुख्यमंत्रियों को मिलाकर कुल 25 मंत्री हो गए हैं इनमें से 20 ऐसे हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं। कैबिनेट में सबसे उम्रदराज मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की उम्र 72 साल है। वहीं अविनाश गहलोत की उम्र 42 साल है।

शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री शर्मा ने कैबिनेट मंत्रियों को बधाई देते हुए लिखा, ‘‘नया विजन और नया मिशन… हमारा लक्ष्य – आत्मनिर्भर व सर्वश्रेष्ठ राजस्थान।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘पराक्रम एवं पुरुषार्थ की वीर भूमि राजस्थान प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने पर सभी ऊर्जावान साथियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।’’ शर्मा ने अन्य मंत्रियों को भी बधाई दी।

उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ था। चुनाव परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किया गया था। इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 115 व कांग्रेस को 69 सीट मिलीं।

मतदान से पहले ही मंत्री बने सुरेंद्रपाल टीटी

राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इस सीट पर अब पांच जनवरी को मतदान होगा। यहां भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री सुरेंद्रपाल टीटी उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस ने कुन्नर के बेटे रुपिंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

वहीं कांग्रेस ने टीटी को मंत्री बनाए जाने की आलोचना की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पार्टी इस मामले को निर्वाचन आयोग के संज्ञान में लाकर कार्रवाई की मांग करेगी। डोटासरा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा का अहंकार सातवें आसमान पर है। भाजपा ने निर्वाचन आयोग को ठेंगा दिखाकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए श्रीकरणपुर से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्रपाल टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाई है।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘संभवत देश में यह पहला मामला है जब चुनाव से पूर्व भाजपा ने अपने प्रत्याशी को मंत्री बनाया है, कांग्रेस इस मामले को निर्वाचन आयोग के संज्ञान में लाकर कार्रवाई की मांग करेगी।’’

संविधान के प्रावधानों के अनुरूप है राज्यमंत्री के रूप में ली गई शपथ ?

वहीं भाजपा नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि टीटी की राज्यमंत्री के रूप में ली गई शपथ संविधान के प्रावधानों के अनुरूप ही है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘संविधान की तीसरी अनुसूची के अनुसार ली गई शपथ किसी प्रकार की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री पद पर रहते हुए दर्जनों मंत्रियों ने चुनाव लड़ा है।’’

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