Gyandev Ahuja Suspended: रामनवमी के दिन मंदिर में ऐसा काम करना पूर्व विधायक को पड़ा भारी, भाजपा ने किया निलंबित, तीन दिनों में मांगा जवाब |

Gyandev Ahuja Suspended: रामनवमी के दिन मंदिर में ऐसा काम करना पूर्व विधायक को पड़ा भारी, भाजपा ने किया निलंबित, तीन दिनों में मांगा जवाब

Gyandev Ahuja Suspended: रामनवमी के दिन मंदिर में ऐसा काम करना पूर्व विधायक को पड़ा भारी, भाजपा ने किया निलंबित, तीन दिनों में मांगा जवाब

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Modified Date: April 8, 2025 / 05:32 PM IST
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Published Date: April 8, 2025 4:11 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भाजपा ने ज्ञानदेव आहूजा को 'शुद्धिकरण' कृत्य के बाद पार्टी से निलंबित किया और 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया।
  • कांग्रेस ने आहूजा के बयान और कृत्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, इसे दलित विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया।
  • आहूजा ने अलवर के राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर 'शुद्धिकरण' किया था, जिससे विवाद पैदा हुआ।

जयपुर: Gyandev Ahuja Suspended भारतीय जनता पार्टी ने अलवर स्थित एक मंदिर के ‘शुद्धिकरण’ को लेकर विवाद में घिरे पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर उन्हें ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है और तीन दिन में जवाब मांगा है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। भाजपा के प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल ने मंगलवार को आहूजा को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘‘भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको तुरंत प्रभाव से भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है।’’

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Gyandev Ahuja Suspended नोटिस के अनुसार, आहूजा इन आरोपों पर कोई स्पष्टीकरण देना चाहें तो तीन दिन में दे सकते हैं जिसके बाद उनके खिलाफ तदनुसार अग्रिम अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। इसमें यह भी लिखा गया है कि इस मामले में आहूजा के बयान व कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हुई है और उनका कृत्य घोर अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। आहूजा ने सोमवार को अलवर के राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया जहां एक दिन पहले हुए प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के नेता टीकाराम जूली ने भाग लिया था।

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भाजपा नेता के अनुसार, कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का कोई ‘नैतिक अधिकार’ नहीं है, क्योंकि उनके पार्टी आलाकमान ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था और पिछले साल अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का ‘बहिष्कार’ किया था। उन्होंने दावा किया कि उनके कृत्य में “दलित” वाला कोई मामला नहीं था। लेकिन अपने इस कृत्य को लेकर आहूजा कांग्रेस पार्टी के निशाने पर आ गए। पार्टी ने भाजपा नेता के बयान को ‘दलित विरोधी मानसिकता का नमूना बताया है।’

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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा नेता की आलोचना करते हुए कहा,‘‘भाजपा नेता आहूजा द्वारा नेता प्रतिपक्ष जूली के मंदिर जाने के बाद गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाती है। 21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण मानसिकता एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। इसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है।’’ राज्य में अनेक जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आहूजा के बयान व कृत्य के विरोध में प्रदर्शन किया। कई जगह आहूजा का पुतला भी फूंका गया। दलित नेता जूली अलवर (ग्रामीण) सीट से कांग्रेस विधायक हैं, जबकि आहूजा अलवर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक हैं।

ज्ञानदेव आहूजा को भाजपा ने क्यों निलंबित किया?

भारतीय जनता पार्टी ने ज्ञानदेव आहूजा को उनके विवादास्पद 'शुद्धिकरण' कृत्य के कारण पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया है। इसके अलावा, उन्हें 'कारण बताओ' नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने को कहा गया है।

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया दी?

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया और भाजपा नेता आहूजा के बयान और कृत्य को दलित विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया। पार्टी ने आहूजा की आलोचना करते हुए इसे 21वीं सदी के सभ्य समाज के लिए अस्वीकार्य बताया।

आहूजा का शुद्धिकरण कृत्य किस मंदिर में हुआ था?

आहूजा ने अलवर के राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर 'शुद्धिकरण' किया था। यह घटना कांग्रेस नेता टीकाराम जूली के वहां जाने के बाद हुई थी।