जयपुर, पांच अगस्त (भाषा) राजस्थान विधानसभा में सोमवार को लोक अभियोजकों की नियुक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के बजाय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धाराओं के तहत किए जाने को लेकर हुए हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बार आधे-आधे घंटे के लिए स्थगति की। इसके बाद पीठासीन अधिकारी संदीप शर्मा ने कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने मुख्य सचेतक के प्रस्ताव पर कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को सदन से निलंबित करने की घोषणा की।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भोजनावकाश के बाद लोक अभियोजकों की नियुक्ति का मुद्दा सदन में उठाया और इसको लेकर सरकार से जवाब की मांग की।
जूली ने कहा,“देश में सीआरपीसी 30 जून को समाप्त हो चुकी है और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) एक जुलाई से लागू हो चुकी है। यानी एक जुलाई के बाद देश में नागरिक व पुलिस इस संहिता को मानने के लिए बाध्य हैं। लेकिन राजस्थान सरकार के विधि सचिव द्वारा 12 जिलों में राजकीय अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं जो सीआरपीसी की धारा 24 (2) के तहत किए गए हैं जबकि यह नियुक्ति बीएनएसएस की धारा 18 के तहत की जानी चाहिए थी।”
उन्होंने कहा,“इस पर सरकार का जवाब आना चाहिए था। संविधान के नियम 256 के तहत राज्य सरकार बाध्य है कि भारत सरकार के कानूनों का पालन करेगी।”
बिना किसी का नाम लिए जूली ने आरोप लगाया कि एक मंत्री के बेटे को लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है। इसपर सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि व्यक्ति की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हुई होगी और मंत्री का बेटा होना कोई अपराध नहीं है।
अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि यह मुद्दा सरकार के संज्ञान में आ गया है लेकिन कांग्रेस विधायकों ने इस पर राज्य सरकार से जवाब की मांग की, लेकिन देवनानी ने नियमों का हवाला देकर इससे इनकार किया।
इसको लेकर देवनानी व कांग्रेस विधायक आमने सामने आ गए। देवनानी की नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली व कई कांग्रेस विधायकों से नोक झोंक हो गई। कांग्रेस विधायकों की लगातार नारेबाजी के बीच उन्होंने कई बार विपक्षी सदस्यों से अपनी सीट पर जाने और इस मुद्दे को नियमों के तहत उठाने को कहा। हालांकि कांग्रेस के विधायक नारेबाजी व हंगामा करते रहे।
सरकार की ओर से मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा, “अध्यक्ष महोदय एक तरफ जहां आप नवाचार का प्रयास कर रहे हैं, दूसरी तरफ उधर विपक्ष की ओर से कदाचार हो रहा है। आसन की अवहेलना की जा रही है और आसन का अपमान किया जा रहा है। आसन को धमकाया जा रहा है। यह निंदनीय है।”
उन्होंने कहा, “इसलिए मैं प्रस्ताव करता हूं कि राजस्थान विधानसभा के सदस्य मुकेश भाकर द्वारा आज आसन की तरफ उंगली उठाकर जो अभद्र व्यवहार किया गया है उसके लिए उन्हें वर्तमान सत्र की बैठकों से निलंबित किया जाए।”
इस पर अध्यक्ष देवनानी ने कहा, “इनको (भारकर को) सदन से निलंबित किया जाता है।“
इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करने की घोषणा की। आधे घंटे बाद दोपहर 3.29 बजे आए पीठासीन अधिकारी ने बिना कार्यवाही को आगे बढ़ाए सदन को और आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया।
बाद में सदन के फिर से बैठने पर शर्मा ने कांग्रेस विधायक भाकर को सदन से बाहर जाने को कहा लेकिन जब विधायक नहीं गए तो उन्होंने मार्शल को उन्हें निकालने को कहा। मार्शल व कांग्रेस के विधायकों के बीच तनातनी होने लगी तो पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही कल यानी मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठ गए।
जूली ने सदन के बाहर पत्रकारों से कहा, “ राजस्थान की जनता ने उन्हें सेवा करने के लिए चुना है लेकिन यहां वे (भाजपा विधायक) कानून व्यवस्था को तार-तार कर रहे हैं।”
जूली ने कहा, “विधानसभा कर्मचारियों ने हमारी महिला विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया। यह सरकार की मंशा को दर्शाता है।”
भाषा पृथ्वी कुंज नोमान
नोमान
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