Rajasthan Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश समेत इस बार देश 4राज्यों के चुनाव होने है। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। बीजेपी इस बार किसी राज्य में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। लेकिन इस बार वसुंधरा राजे सिंधिया को अपना सेनापति नहीं चाहती। पार्टी ने राजस्थान में चुनाव अभियान की कमान संभालने के लिए फिर से केंद्रीय नेतृत्व पर ही भरोसा जताया, जबकि राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और अपनी वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को दरकिनार कर दिया है।
ख़बरों के अनुसार, बीजेपी और राजे के बीच ख़टपट चल रही है, दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर सबकी निगाहें अब कैंपेनिंग कमिटी की घोषणा पर टिकी हुई हैं। बीते माह की 17 अगस्त को जयपुर में बीजपी ने कोर कमिटी की बैठक बुलाई थी। लेकिन, इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुईं। इस बैठक से पहले बीजेपी ने आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव के दो समितियों की घोषणा कर दी गई हैं। जिसमें प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश संकल्प पत्र समिति के बारें में चर्चा की गई थी। इन दोनों ही समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम नहीं है।
वहीं इस पूरे मामले पर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीष पूनियां का कहना है कि इन समितियों में नए लोगों और ऑफिस वर्किंग करने वाले लोगों को रखा जाता है, जिनका राजनीतिक रूप से ज़्यादा कोई रोल नहीं होता है। जहाँ इनको पेपर वर्किंग, प्लानिंग समेत बैकअप के लिए यह होती है।इसमें अगर हम लोग शामिल हो जाएं तो अन्य काम कौन करेगा।