राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने का आग्रह किया |

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने का आग्रह किया

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने का आग्रह किया

:   Modified Date:  July 8, 2024 / 11:08 PM IST, Published Date : July 8, 2024/11:08 pm IST

(फोटो के साथ)

इंफाल, आठ जुलाई (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मणिपुर का दौरा किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जातीय संघर्ष प्रभावित राज्य में आकर लोगों को सांत्वना देने का अनुरोध किया। साथ ही, गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी (मणिपुर में) शांति बहाली के लिए सरकार के किसी भी कदम का समर्थन करेगी।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने मणिपुर की त्रासदी को ‘‘भयंकर’’ करार देते हुए कहा कि पिछले साल मई में हिंसा शुरू होने के बाद से यह राज्य की उनकी तीसरी यात्रा है, लेकिन उन्हें ‘‘स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।’’

कांग्रेस नेता मणिपुर के एक-दिवसीय दौरे पर थे, जहां पिछले साल मई से मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य के विभिन्न जिलों में तीन राहत शिविरों का दौरा किया और हिंसा के कारण विस्थापित हुए दोनों जातीय समूहों के लोगों से बातचीत की।

रायबरेली से सांसद गांधी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को बहुत पहले ही मणिपुर का दौरा कर लेना चाहिए था। उनका मणिपुर आना बहुत जरूरी है। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वह मणिपुर आएं और यहां क्या हो रहा है, इसे समझने का प्रयास करें। मणिपुर के लोग ही नहीं, बल्कि संभवतः पूरे देश के लोग चाहते हैं कि प्रधानमंत्री राज्य का दौरा करें और लोगों की पीड़ा सुनें, इससे उन्हें राहत मिलेगी।’’

गांधी ने कहा, ‘‘समस्या शुरू होने के बाद से मैं तीसरी बार यहां आया हूं। यह एक बहुत बड़ी त्रासदी रही है। मुझे उम्मीद थी कि स्थिति में कुछ सुधार होगा। लेकिन, मैं यह देखकर काफी निराश हुआ हूं कि स्थिति अब भी वैसी नहीं हुई है, जैसी होनी चाहिए।’’

पिछले साल तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के कुछ सप्ताह बाद गांधी राज्य के दौरे पर आए थे। उन्होंने जनवरी 2024 में राज्य से अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ भी शुरू की थी। राज्य में कांग्रेस द्वारा दोनों लोकसभा सीट जीतने और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद गांधी का यह मणिपुर का पहला दौरा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि वह हिंसा प्रभावित लोगों की पीड़ा सुनने और उनमें विश्वास जगाने के लिए राज्य के दौरे पर आए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘हम मणिपुर में शांति लाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे… विपक्ष में होने के नाते मैं सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा हूं।’’

गांधी ने कहा, ‘‘मैं मणिपुर के सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि मैं यहां आपका भाई बनकर आया हूं, मैं आपकी मदद करना चाहता हूं और मणिपुर में शांति वापस लाने के लिए आपके साथ काम करना चाहता हूं। मैं जो भी कर सकता हूं, करने के लिए तैयार हूं। कांग्रेस यहां शांति बहाल करने के लिए जो भी कर सकती है, करने के लिए तैयार है।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मणिपुर में जो कुछ हो रहा है, वह उन्होंने भारत में कहीं नहीं देखा। उन्होंने जोर दिया कि हिंसा और घृणा से कोई समाधान नहीं निकलने वाला है, जबकि सम्मान व संवाद से इसका समाधान निकल सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य पूरी तरह से दो हिस्सों में बंट गया है और यह सभी के लिए दुखद है। पूरा राज्य पीड़ित है। अगर हम शांति और स्नेह के बारे में सोचना शुरू कर दें, तो यह मणिपुर के लिए बहुत बड़ा कदम होगा।’’

गांधी ने कहा कि मणिपुर के लोग जब भी चाहेंगे, वह और उनकी पार्टी हमेशा उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार और हर वह व्यक्ति जो खुद को देशभक्त मानता है, उसे मणिपुर के लोगों को गले लगाना चाहिए।’’

गांधी ने संवाददाता सम्मेलन से पहले राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात की। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमने राज्यपाल से कहा कि हम हरसंभव तरीके से मदद करना चाहेंगे। हमने अपनी नाराजगी भी जाहिर की। हम यहां हुई प्रगति से खुश नहीं हैं। मैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता, यह मेरा इरादा नहीं है।’’

इससे पहले, गांधी ने मणिपुर के जिरीबाम, चुराचांदपुर और विष्णुपुर जिलों में राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने जिरीबाम में संवाददाताओं को बताया कि लोगों ने गांधी को अपने अनुभवों के बारे में बताया। मेघचंद्र ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने यह भी पूछा कि उन्हें किस चीज की जरूरत है। एक लड़की ने उनसे कहा कि न तो प्रधानमंत्री और न ही मुख्यमंत्री उनसे मिलने आए हैं। उसने गांधी से यह मामला संसद में उठाने का भी आग्रह किया।’’

मेघचंद्र ने कहा, ‘‘राहुल गांधी के दौरे का उद्देश्य लोगों को सहायता प्रदान करना और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करना है। उनका दौरा हिंसा से प्रभावित लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’

राहत शिविरों का दौरा करने के बाद गांधी ने यहां राजभवन में राज्यपाल उइके से मुलाकात की।

कांग्रेस नेता ने मणिपुर में हिंसा के बाद असम के कछार जिले के थलैन में शरण लिये हुए आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के शिविर का भी दौरा किया और उनसे बातचीत की।

गांधी ने कहा कि वह असम के लोगों के साथ हैं और ‘संसद में उनके सिपाही’ हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में केंद्र से बाढ़ प्रभावित असम को हरसंभव सहायता देने का आग्रह किया।

भाषा आशीष सुरेश

सुरेश

 

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