नई दिल्ली: भारत को बुधवार को 5 लड़ाकू विमान राफेल विमान मिलने जा रहा है। फ्रांस से रवाना हुई 5 राफेल विमान बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचेगे। ये फ्रांस से भारत को मिलने वाली पहली खेप होगी। 2021 के अंत तक सभी 36 विमान भारत को मिल जाएंगे। हालांकि राफेल की डील के दौरान देश की कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने सवाल उठाए थे, क्योंकि पहले तय किए गए कीमत और डील के दौरान बताए गए कीमतों में अंतर था। लेकिन क्या आपको पता है कि इस पूरी प्रक्रिया में जम्मू कश्मीर से नाता रखने वाले वायुसेना के एयर कॉमोडोर हिलाल अहमद रथर ने अहम भूमिका निभाई है।
कॉमरेड हिलाल अहमद वर्तमान में फ्रांस में भारतीय वायुसेना के एयर अटैच के तौर पर तैनात हैं। वे फ्रांस में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें कई बार भारत के राजदूत के साथ देखा भी जाता रहा है। बता दें कि हिलाल अहमद कश्मीर के अनंतनाग जिले से ताल्लुक रखते हैं और यहां के बख्शियाबाद इलाके से हैं।
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कॉमोडोर हिलाल अहमद ने सैनिक स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की थी, जिसके बाद वे साल 1988 में वायुसेना में भर्ती हो गए। 1988 में हिलाल अहमद ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट के तौर पर वायुसेना ज्वाइन की थी, लेकिन अब वे एयर कॉमोडोर हैं। वहीं, बात हिलाल अहमद की करियर की करें तो उन्होंने अपने वायुसेना में रहते हुए अब तक मिग 21, मिराज 2000 और किरण एयरक्राफ्ट को करीब 3000 घंटे तक उड़ाया है। उन्हें वायुसेना मेडल से नवाजा गया है, जो उन्हें बतौर विंग कमांडर 2010 में मिला था। इसके अलावा विशिष्ट सेवा मेडल से तब नवाजा गया जब वो 2016 में ग्रुप कैप्टन थे।
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कॉमोडोर हिलाल अहमद राफेल विमान की डिलीवरी और भारत की जरूरतों का ध्यान रखने में कॉमोडोर हिलाल अहमद के हाथ में यही जिम्मेदारी थी। हिलाल को एनडीए में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर का खिताब भी मिला हुआ है।
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