नई दिल्ली। भारत के कुछ रईस लोग कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट्स से दुबई जा रहे हैं और इसके लिए 55 लाख रुपये तक खर्च कर रहे हैं। ये लोग वहां फाइजर की वैक्सीन को महत्व दे रहे हैं जबकि यूएई में एस्ट्राजेनेका और साइनोफार्म की वैक्सीन भी उपलब्ध है। यूएई में 40 साल और उससे अधिक उम्र को लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई जा रही है।
दुबई का रेजिडेंट वीजा रखने वाले अमीर भारतीय कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए दुबई जा रहे हैं। यह ट्रेंड मार्च में शुरू हुआ जब दुबई ने रेजिडेंट वीजा धारकों को वैक्सीन के लिए रजिस्टर करने की अनुमति दी। अप्रैल में इसमें तेजी आई जब भारत में कोरोना के मामलों में तेजी आई। दुबई में वैक्सीन लगा चुके कुछ लोगों और चार्टर ऑपरेटर्स का कहना है कि कुछ लोग वैक्सीन की दो डोज लगाने के लिए दुबई में ही रह रहे हैं जबकि कुछ लोग वहां के दो चक्कर लगा रहे हैं। फाइजर की वैक्सीन की दो डोज के बीच तीन हफ्ते का अंतर है।
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वैक्सीन लगाने कि लिए दुबई आने जाने का खर्च 35 लाख रुपये से 55 लाख रुपये है। यह खर्च इससे अधिक भी हो सकता है। यह ऑपरेटर की प्राइस, सिटी ऑफ ओरिजिन, दुबई में रहने की अवधि और नंबर ऑफ पैसेंजर्स पर निर्भर करता है। अमूमन जिन भारतीयों का बिजनस दुबई में रजिस्टर्ड है, उनके पास रेजिडेंट वीजा है। यूएई कुछ प्रोफेशनल कैटगरीज की भी रेजिडेंट वीजा देता है।
मीडिया रिपोर्ट से अनुसार दुबई का रेजिडेंट वीजा रखने वाले एक टॉप कॉरपोरेट मैनेजर ने मार्च में दुबई में फाइजर की वैक्सीन लगाई थी। वह भारत में भी वैक्सीन लगाने के पात्र थे लेकिन उन्होंने कहा, ’मुझे लगा कि फाइजर की वैक्सीन अच्छी तरह जांची परखी है और सुरक्षित है। मैंने और मेरी पत्नी ने एक प्राइवेट जेट लिया और हम दुबई में 20 दिन रहे। सबकुछ सही रहा।’ बता दें कि भारत की वैक्सीन भी पूरी तरह सुरक्षित है।
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