वायनाड (केरल), 25 जनवरी (भाषा) केरल में वायनाड जिले के मनाथवाडी क्षेत्र में एक बार फिर जबर्दस्त प्रदर्शन हुआ है तथा लोगों ने 47-वर्षीय एक महिला की जान ले लेने वाले बाघ को पकड़ने के बजाय उसे मार देने की मांग की है।
मनाथवाडी क्षेत्र के ‘प्रियदर्शिनी एस्टेट’ में शुक्रवार सुबह अनुसूचित जाति की महिला राधा जब कॉफी तोड़ रही थी, तब बाघ ने उसे मार डाला था।
महिला का शव उसके परिवार को सौंपे दिये जाने और अंतिम संस्कार हो जाने के बाद स्थानीय लोग वन अधिकारियों के आधार शिविर के बाहर इकट्ठा हो गये तथा उन्होंने मांग की कि इस बाघ को मार दिया जाए।
टीवी चैनलों पर प्रसारित वीडियो के अनुसार उन्होंने यह जानना चाहा कि जब बाघ को मार डालने का आदेश है तो उसे पकड़ने की चेष्टा क्यों की जा रही है।
वन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मुख्य वन्यजीव वार्डन प्रमोद जी कृष्णन ने शुक्रवार को आदेश दिया था कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार बाघ को पिंजरे में बंद करने या बेहोश करने के लिए अधिकतम प्रयास किए जाएं, ऐसा नहीं हो पाने पर उसे गोली मार दी जाए।
हालांकि प्रदर्शनकारी इन बातों से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने आधारशिविर में प्रदर्शन जारी रखा। उनमें एस्टेट में रहने वाली महिलाएं भी थीं।
बाघ के हमले के कारण शुक्रवार को भी क्षेत्र में तीव्र विरोध प्रदर्शन हुआ था तथा स्थानीय लोगों ने तब तक मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से रोक दिया था, जब तक अधिकारियों ने लोगों की सुरक्षा तथा बाघ को पकड़ने या मारने का आश्वासन नहीं दिया।
भाषा राजकुमार सुरेश
सुरेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)