प्रदर्शनकारी किसानों ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता में ‘लापरवाही’ का आरोप लगाया |

प्रदर्शनकारी किसानों ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता में ‘लापरवाही’ का आरोप लगाया

प्रदर्शनकारी किसानों ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता में ‘लापरवाही’ का आरोप लगाया

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Modified Date: January 22, 2025 / 10:10 PM IST
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Published Date: January 22, 2025 10:10 pm IST

चंडीगढ़, 22 जनवरी (भाषा) पंजाब के प्रदर्शनकारी किसान नेताओं ने अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने वाली सरकारी चिकित्सकों की टीम पर ‘लापरवाही’ बरतने का बुधवार को आरोप लगाया।

डल्लेवाल केंद्र सरकार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को मानने का दबाव बनाने के वास्ते लगभग दो महीने से खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं।

पिछले शनिवार को एक उच्च-स्तरीय केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रदर्शनकारी किसानों को उनकी मांगों पर चर्चा के वास्ते 14 फरवरी को बैठक के लिए आमंत्रित किया, जिसके बाद डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता स्वीकार कर ली। हालांकि, उन्होंने अपना अनशन समाप्त करने से इनकार कर दिया।

किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकारी चिकित्सक मंगलवार रात डल्लेवाल के हाथ की नस में ‘इंट्रावेनस नीडल’ (नसों के जरिये दवा चढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सुई) ठीक से नहीं डाल पाए, जिससे उनके हाथ में सूजन आ गई।

खनौरी सीमा पर बुधवार को संवाददाताओं से मुखातिब किसान नेता काका सिंह कोटरा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से नियुक्त डॉक्टर “लापरवाह” हैं। उन्होंने दावा किया कि वे ‘इंट्रावेनस नीडल’ को सही ढंग से नहीं डाल सके, जिसके परिणामस्वरूप डल्लेवाल के हाथ में सूजन आ गई और उन्हें दर्द झेलना पड़ा।

एक अन्य किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने आरोप लगाया कि डल्लेवाल की देखभाल के लिए तैनात चिकित्सकों ने मंगलवार रात “लापरवाही” बरती। उन्होंने दावा किया कि उस समय डल्लेवाल को चिकित्सा देखभाल मुहैया कराने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को तैनात नहीं किया गया था।

कोहाड़ ने कहा कि “लापरवाही” पर नाराजगी जाहिर करने के बाद वरिष्ठ चिकित्सकों और प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम बुधवार को प्रदर्शन स्थल पर पहुंची तथा मंगलवार रात की घटना के लिए माफी मांगी।

कोहाड़ ने कहा कि उन्हें पता चला है कि “लापरवाही” के लिए जिम्मेदार चिकित्सकों ने एक पत्र लिखा है, जिसमें किसानों पर उनके साथ बुरा व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने इस आरोप को “झूठा और बेबुनियाद” करार दिया।

कोहाड़ ने बताया कि वरिष्ठ चिकित्सकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया है कि डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल को धूप और ताजी हवा दिलाने के लिए 58 दिन बाद उनकी ट्रॉली से बाहर निकाला गया।

कोहाड़ के मुताबिक, डल्लेवाल के लिए एक विशेष कमरा तैयार किया जा रहा है और यह दो-तीन दिन में पूरा हो जाएगा।

भाषा पारुल माधव

माधव

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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