(तस्वीरों के साथ)
वायनाड, तीन नवंबर (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि आज देश में अहम लड़ाई संविधान की रक्षा और उसे संरक्षित करना है।
उन्होंने कहा कि देश का संविधान नफरत से नहीं, बल्कि विनम्रता और प्रेम से लिखा गया था।
राहुल ने वायनाड में बहन प्रियंका गांधी वाद्रा के लिए चुनाव प्रचार के तहत मनंतवडी में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा, “आज देश में जो प्रमुख लड़ाई लड़ी जा रही है, वह लड़ाई हमारे देश के संविधान की रक्षा के लिए है। हमें जो सुरक्षा मिलती है, हमारे देश की जो महानता है, वह सब संविधान से ही उपजी है।”
प्रियंका वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं।
राहुल ने कहा, “संविधान गुस्से या नफरत की भावना से नहीं लिखा गया था। इसे उन लोगों ने लिखा था, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत से लड़ाई लड़ी, जिन्होंने तकलीफें झेलीं, जिन्होंने वर्षों जेल में बिताए। इन लोगों ने संविधान को बड़ी विनम्रता, प्रेम और अपनेपन के भाव से लिखा था।”
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह प्रेम और नफरत के बीच की लड़ाई है।
उन्होंने कहा, “यह आत्मविश्वास और असुरक्षा के बीच की लड़ाई है। और अगर आप वास्तव में इस लड़ाई को जीतना चाहते हैं, तो आपको अपने दिल से गुस्सा हटाना होगा, नफरत हटानी होगी और इनकी जगह प्यार, विनम्रता और करुणा का भाव लाना होगा।”
राहुल ने अपनी बहन की खूबियों पर प्रकाश डाला और बचपन में साथ में बिताए गए यादगार पलों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि वह पहली बार अपनी बहन के लिए वोट मांग रहे हैं, जो अतीत में उनके और उनके माता-पिता के लिए प्रचार कर चुकी हैं।
राहुल ने कहा, “वह (प्रियंका) वही शख्स हैं, जिन्होंने मेरे पिता (राजीव गांधी) की हत्या में शामिल लड़की को गले लगाया था। नलिनी से मिलकर लौटने पर उन्होंने मुझे यह बात बताई थी। वह भावुक हो गई थीं और उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें उसके लिए बुरा लग रहा है।”
उन्होंने कहा, “उसे (प्रियंका को) यही सिखाया गया है। और मेरे हिसाब से, भारत में इसी तरह की राजनीति की जानी चाहिए। नफरत की राजनीति नहीं, बल्कि प्यार और स्नेह की अपनेपन की (राजनीति की) जानी चाहिए।”
वहीं, प्रियंका ने चुनाव प्रचार के दौरान केंद्र सरकार पर हमला जारी रखा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर “उद्योग जगत के अपने मित्रों” के लिए सब कुछ करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “मोदी जी की सरकार सिर्फ उद्योग जगत के उनके मित्रों के लिए काम करती है। आपको बेहतर जीवन देना उनका मकसद नहीं है। शिक्षित युवाओं के लिए नौकरियों के नये अवसर पैदा करना उनका मकसद नहीं है। लोगों को बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना तथा उनके लिए कल्याणकारी कदम उठाना उनका मकसद नहीं है।”
प्रियंका ने मोदी सरकार पर लोगों को बांटने, उनके बीच नफरत फैलाने, उनके अधिकार छीनने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट करने का आरोप लगाया।
प्रियंका ने कहा, “उन्होंने (मोदी सरकार) लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के कारण राहुल गांधी जी पर हमला किया।”
कांग्रेस महासचिव ने मदर टेरेसा के साथ किए गए काम और मनंतवडी में रहने वाली सिस्टर रोजबेल का जिक्र किया।
उन्होंने क्षेत्र में संपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए लड़ाई जारी रखने का वादा किया।
प्रियंका ने अपने संबोधन में वायनाड में रात्रि प्रतिबंध, घाट रोड पर यातायात संबंधी मुद्दों, मानव-पशु संघर्ष और आदिवासियों एवं किसानों से जुड़े मुद्दों को भी रेखांकित किया।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) का जिक्र करते हुए प्रियंका ने आरोप लगाया कि आदिवासियों को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाने वाली मनरेगा के लिए केंद्र का वित्तपोषण और योजना के माध्यम से काम की उपलब्धता कम कर दी गई है।
उन्होंने कहा, “हमें संसद और सभी मंचों पर आवाज उठाकर सरकार पर वित्तपोषण बढ़ाने के लिए दबाव डालने की जरूरत है।”
प्रियंका ने रविवार को अपने भाई राहुल गांधी के साथ वायनाड में कई जनसभाएं और नुक्कड़ सभाएं कीं।
कांग्रेस की ओर से जारी प्रचार कार्यक्रम के अनुसार, वायनाड लोकसभा उपचुनाव से चुनावी राजनीति में कदम रखने वाली प्रियंका सात नवंबर तक केरल में रहेंगी।
वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव इसलिए आवश्यक हो गया, क्योंकि यहां के साथ-साथ रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीतने वाले राहुल गांधी ने रायबरेली सीट बरकरार रखने और वायनाड खाली करने का फैसला किया था।
वायनाड में लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा।
भाषा पारुल पवनेश
पवनेश
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