बीकानेर के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद |

बीकानेर के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद

बीकानेर के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद

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Modified Date:  November 28, 2024 / 06:37 PM IST
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Published Date:  November 28, 2024 6:37 pm IST

जयपुर, 28 नवंबर (भाषा) राजस्थान में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के बाद अब बीकानेर के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद सामने आया है।

बीकानेर के बीछवाल थाने में मंगलवार को दो अलग-अलग प्राथमिकी संपत्ति विवाद को लेकर दर्ज करवाई गई हैं।

एक प्राथमिकी लक्ष्मी निवास होटल को चलाने वाली कंपनी की ओर से बीकानेर (पूर्व) की विधायक सिद्धि कुमारी पर लीज को लेकर दर्ज करवाई गई है। वहीं दूसरी प्राथमिकी सिद्धि कुमारी के ट्रस्ट की ओर राजश्री कुमारी पर संपत्ति हेराफेरी को लेकर दर्ज करवाई गई है। राजश्री, सिद्धि कुमारी की बुआ हैं।

लक्ष्मी निवास होटल चलाने वाली कंपनी के राजीव मिश्रा ने अदालत के जरिए विधायक सिद्धि कुमारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

मिश्रा का आरोप है कि सिद्धि कुमारी होटल चलाने में अड़चन उत्पन्न कर रही हैं। सिद्धि कुमारी के दिवंगत पिता नरेंद्र सिंह ने 15 जून 1999 को कंपनी के साथ 19-19 साल के लीज संबंधी तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्धि कुमारी और उनकी बहन महिमा कुमारी ने लीज समझौतों को रद्द करने की धमकी देकर चार करोड़ रुपये वसूले हैं।

उन्होंने कहा कि सिद्धि कुमारी और महिमा कुमारी ने होटल के संचालन में अड़चन उत्पन्न की। उन्होंने आरोप लगाया कि अब वे 10 करोड़ रुपये की मांग कर रही हैं।

इसी दिन सिद्धि कुमारी की अध्यक्षता वाले चार न्यासों के कोषाध्यक्ष संजय शर्मा ने अर्जुन पुरस्कार विजेता शूटर राज्यश्री कुमारी के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज कराई।

बीछवाल के थानाधिकारी गोविंद सिंह ने बताया कि कंपनी की ओर से प्राथमिकी अदालत के निर्देश पर दर्ज की गई है जबकि संजय शर्मा की प्राथमिकी जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के निर्देश पर दर्ज कराई गई है। दोनों प्राथमिकी मंगलवार को दर्ज की गई।

प्राथमिकी में संजय शर्मा ने बताया कि बीकानेर के पूर्व शासक करणी सिंह की पत्नी सुशीला कुमारी के निधन के बाद सिद्धि कुमारी चार न्यासों महाराजा गंगा सिंह जी ट्रस्ट, करणी चैरिटेबल फंड्स ट्रस्ट, करणी सिंह फाउंडेशन ट्रस्ट और महारानी श्री सुशीला कुमारजी धार्मिक एवं धर्मार्थ ट्रस्ट की अध्यक्ष बनीं।

बीकानेर (पूर्व) से विधायक सिद्धि कुमारी ने 11 और 12 सितंबर 2023 को न्यासों की बैठक ली और न्यासों के पुराने सदस्यों को हटा दिया। चारों न्यास देवस्थान विभाग में पंजीकृत हैं इसलिए राजस्थान सार्वजनिक न्यास के प्रावधानों के तहत नए न्यासी बोर्ड का नाम संशोधित कर रिकॉर्ड में दर्ज करने की कार्रवाई की गई। न्यास में उनके द्वारा किए गए संशोधनों को सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, बीकानेर ने स्वीकार कर लिया।

चारों न्यासों के रिकॉर्ड से पुराने न्यासियों के नाम हटा दिए गए और नए न्यासियों के नाम संशोधित किए गए। सिद्धि कुमारी ने 29 मई 2024 को लालगढ़ पैलेस परिसर में चारों न्यासों के अधिकृत कार्यालय में औपचारिक रूप से चारों न्यासों का कार्यभार संभाल लिया।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कब्जा करने से पहले आरोपियों ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से न्यास कार्यालय में रखे सामान और दस्तावेजों को लूट लिया और उन्हें नष्ट कर दिया। यह प्राथमिकी राज्यश्री कुमारी और हनुवंत सिंह, गोविंद सिंह, राजेश पुरोहित और पुखराज के खिलाफ दर्ज की गई है।

दर्ज प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए करणी सिंह की बेटी और अंतरराष्ट्रीय शूटर राज्यश्री कुमारी ने इस मामले पर एक वीडियो बयान जारी किया, जिसमें सिद्धि कुमारी पर अपनी राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

राज्यश्री कुमारी ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मामला निराधार है। उन्होंने कहा है कि मामले अदालत में चल रहे हैं और सिद्धि कुमारी राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग करके उन्हें परेशान कर रही हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में उदयपुर के मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार और गौरवशाली राजपूत शासक महाराणा प्रताप के वंशजों में विवाद उस समय हो गया जब परिवार के नए प्रमुख विश्वराज सिंह के ‘गद्दी’ संभालने के बाद उन्हें उदयपुर के सिटी पैलेस में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।

विश्वराज ने अपने पिता महेंद्र सिंह के निधन के बाद ‘गद्दी’ संभाली। सिटी पैलेस महेंद्र सिंह के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के नियंत्रण में है।

हालांकि, बुधवार को बातचीत के जरिए गतिरोध समाप्त हो गया और उन्हें धार्मिक अनुष्ठान के लिए सिटी पैलेस में जाने की अनुमति दे दी गई।

भाषा कुंज पृथ्वी नोमान

नोमान

 

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