भारत में पहली बार नदियों में पाई जाने वाली डॉल्फिन की संख्या का अनुमान लगाने की प्रक्रिया |

भारत में पहली बार नदियों में पाई जाने वाली डॉल्फिन की संख्या का अनुमान लगाने की प्रक्रिया

भारत में पहली बार नदियों में पाई जाने वाली डॉल्फिन की संख्या का अनुमान लगाने की प्रक्रिया

:   Modified Date:  October 14, 2024 / 03:57 PM IST, Published Date : October 14, 2024/3:57 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) भारत ने पहली बार गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन की संख्या का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण किया गया है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

प्रसिद्ध गंगा नदी डॉल्फिन गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना नदी प्रणाली और भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल में फैली इनकी सहायक नदियों में पाई जाती है। गंगा नदी डॉल्फिन की करीबी रिश्तेदार सिंधु नदी डॉल्फिन की छोटी आबादी भारत में सिंधु नदी प्रणाली में पाई जाती है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ प्रोजेक्ट डॉल्फिन के तहत, हमने नदी में रहने वाली डॉल्फिन का आकलन पूरा कर लिया है, जो दुनिया में अपनी तरह का पहला सर्वेक्षण है। दो वर्षों में किए गए इस सर्वेक्षण में गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियों के 8,000 किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया गया। इसके नतीजे जल्द ही जारी किए जाएंगे।’’

उन्होंने बताया कि भारतीय वन्यजीव संस्थान के नेतृत्व में किए गए इस सर्वेक्षण में दो प्रजातियों – गंगा नदी डॉल्फिन और सिंधु नदी डॉल्फिन को शामिल किया गया। यह भविष्य के आकलन के लिए भारत में नदी डॉल्फिन की आधार आबादी बनेगा।

अधिकारी ने बताया कि सरकार पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को केन्द्रित कर समुद्री डॉल्फिन की जनसंख्या का आकलन करने की भी योजना बना रही है।

भारत ने 2020 में मीठे पानी की नदियों और तटीय जल दोनों में डॉल्फिन की रक्षा के लिए प्रोजेक्ट डॉल्फिन की शुरुआत की थी।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)