ओडिशा में चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के दस्तक देने की प्रक्रिया शुरू : मौसम विभाग |

ओडिशा में चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के दस्तक देने की प्रक्रिया शुरू : मौसम विभाग

ओडिशा में चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के दस्तक देने की प्रक्रिया शुरू : मौसम विभाग

:   Modified Date:  October 25, 2024 / 01:01 AM IST, Published Date : October 25, 2024/1:01 am IST

भुवनेश्वर, 24 अक्टूबर (भाषा) ओडिशा में भीषण चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के तटीय क्षेत्र से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया के शुक्रवार सुबह तक जारी रहने की संभावना है।

आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तूफान पिछले छह घंटों में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा और फिर केंद्रपाड़ा जिले के भीतरकनिका और भद्रक जिले के धामरा के बीच पहुंचा। हवा की गति करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे थी।

भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “इसकी शुरुआत चक्रवाती परिसंचरण के बाहरी बादल के प्रवेश के साथ हुई। जब इसका केंद्र जमीन पर पहुंचेगा, तो हवा की गति 120 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है।”

दास ने बताया कि यह प्रक्रिया चार से पांच घंटे तक चलेगी।

ओडिशा में चक्रवात से उत्पन्न भारी वर्षा के कारण 16 जिलों में अचानक बाढ़ आने की आईएमडी की भविष्यवाणी के बीच मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और संभावित प्रभावों को कम करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।

माझी ने यहां विशेष राहत आयुक्त कार्यालय में नियंत्रण कक्ष का दौरा किया।

इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आसन्न तूफान से निपटने के लिए ओडिशा सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी ली है।

इस बीच माझी ने बताया कि चक्रवात के मद्देनजर राज्य ने कुल 5,84,888 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है और शुक्रवार सुबह तक यह संख्या 600,000 से अधिक हो सकती है।

उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण राहत केंद्रों में स्थानांतरित की गई 4,431 गर्भवती महिलाओं में से 1,600 ने बच्चों को जन्म दिया है।

माझी ने कहा, “ये (विस्थापित) लोग 6,008 चक्रवात आश्रय स्थलों में रह रहे हैं, जहां उन्हें भोजन, दवा, पानी और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध कराया जा रहा है।”

भाषा

प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)