कैदियों के सम्मानजनक जीवन को सुनिश्चित करने के लिए जेल प्रशासन में सुधार की जरूरत: न्यायालय |

कैदियों के सम्मानजनक जीवन को सुनिश्चित करने के लिए जेल प्रशासन में सुधार की जरूरत: न्यायालय

कैदियों के सम्मानजनक जीवन को सुनिश्चित करने के लिए जेल प्रशासन में सुधार की जरूरत: न्यायालय

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Modified Date: January 17, 2025 / 10:18 PM IST
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Published Date: January 17, 2025 10:18 pm IST

नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि कारागार में बेहतर माहौल के लिए जेल प्रशासन में सुधार की जरूरत है ताकि कैदियों को संविधान के तहत सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिल सके।

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने ‘फ्योदोर दोस्तोवस्की’ की प्रसिद्ध पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा, “किसी समाज में सभ्यता का अंदाजा उसकी जेलों में प्रवेश करके लगाया जा सकता है।”

पीठ ने कैदियों के साथ सम्मान और मानवीय परिस्थितियों के अधिकार वाले मनुष्य के रूप में व्यवहार करने के महत्व को रेखांकित किया।

पीठ ने यह टिप्पणी झारखंड उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज करते हुए की।

उच्च न्यायालय ने विकास तिवारी नाम के एक अपराधी को राज्य के एक जेल से दूसरे जेल में स्थानांतरित करने के फैसले को रद्द कर दिया था।

पीठ ने जेल सुरक्षा सुनिश्चित करने और संभावित गिरोह हिंसा को रोकने की आवश्यकता का हवाला देते हुए जेल महानिरीक्षक के आदेश को बहाल कर दिया। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले ने भारत के जेल प्रशासन में प्रणालीगत कमियों को रेखांकित किया और कैदियों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया।

शीर्ष अदालत ने जेल की स्थितियों की समय-समय पर निगरानी करने और कैदियों के साथ व्यवहार में संवैधानिक सिद्धांतों का पालन करने का आह्वान किया और कहा कि कैदियों ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है लेकिन उन्होंने अपनी मानवता नहीं खोई है।

भाषा जितेंद्र माधव

माधव

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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