हैदराबाद: खुद को मुगल साम्राज्य के आखिरी शासक बहादुर शाह जफर का वंशज बताने वाले राजकुमार हबीबुद्दीन तुसी ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है। तुसी ने कहा है कि वे राम मंदिर निर्माण के लिए सोने की ईंट दान करना चाहते हैं। फिलहाल राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में रोज सुनवाई करने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि तुसी ने सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या जमीन विवाद मामले में पक्षकार बनाए जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लाई है। तुसी का कहना है कि वे मुगल सम्राट के वंशज हैं। इस लिहाज से उन्हें बाबरी मस्जिद का एक पक्षकार बनाया जाना चाहिए। हालांकि कोर्ट ने अभी तुसी की याचिका को स्विकार नहीं किया है। तूसी का दावा है कि वह मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर की छठी पीढ़ी के वंशज हैं।
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तुसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अयोध्या की जमीन को लेकर अभी तक किसी पक्षकार ने जमीन के मालिकाना हक के लिए सही दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए हैं। मुंगल शासकों का वशंज होने के चलते उनका अपनी राय रखने का अधिकार है कि विवादित भूमि किस पक्ष को दी जानी चाहिए।
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उन्होंने कहा, ‘कम से कम, मुझे सुना जाना चाहिए।’ विवादित भूमि से संबंधित याचिका तूसी ने आठ फरवरी में दाखिल की थी। उनके वकील प्रवीण कुमार ने टीओआई से दिल्ली में कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट में कोई और याचिका विचारणीय नहीं है।
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हालांकि, वह चाहते हैं कि पहले बाबरी मस्जिद रामजन्मभूमि जमीन उन्हें सौंप देनी चाहिए, क्योंकि मुगल बादशाह बाबर ने 1529 में बाबरी मस्जिद बनाई थी और वह उनके वंशज हैं। उनका यह भी कहना है कि वंशज होने के नाते वे ही जमीन के असल हकदार हैं।
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बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को सैकड़ों कारसेवकों ने मस्जिद को ढा दिया था। 50 साल के हबीबुद्दीन तुसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हालांकि, अब तक उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार नहीं हुआ है। इस याचिका में तुसी ने एक पक्ष बनाने की मांग की है।
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