प्रधानमंत्री मोदी मुंबई में आईएनएस सूरत सहित तीन नौसैनिक युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे |

प्रधानमंत्री मोदी मुंबई में आईएनएस सूरत सहित तीन नौसैनिक युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी मुंबई में आईएनएस सूरत सहित तीन नौसैनिक युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे

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Modified Date: January 13, 2025 / 12:27 PM IST
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Published Date: January 13, 2025 12:27 pm IST

नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और इस दौरान नौसेना डॉकयार्ड (पोतगाह) में तीन अग्रिम पंक्ति के नौसैनिक युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। उसके मुताबिक, प्रधानमंत्री इसके बाद नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे।

पीएमओ ने कहा कि तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित किया जाना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है।

आईएनएस सूरत 15बी श्रेणी के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम जहाज है, जो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक जहाजों में शुमार है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है।

आईएनएस नीलगिरी 17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टील्थयुक्‍त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है। यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है।

पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है।

पीएमओ ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन की परियोजना के अंतर्गत श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का भी उद्घाटन करेंगे।

बयान के मुताबिक, नौ एकड़ में विस्‍तारित इस परियोजना में कई देवताओं के विग्रह के साथ एक मंदिर, एक वैदिक शिक्षा केंद्र, प्रस्तावित संग्रहालय और सभागार तथा उपचार केंद्र आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य वैदिक शिक्षाओं के माध्यम से सार्वभौमिक बंधुत्‍व, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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