प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्रियों और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी |

प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्रियों और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी

प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्रियों और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी

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Modified Date: January 23, 2025 / 09:58 PM IST
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Published Date: January 23, 2025 9:58 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली/कोलकाता, 23 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बृहस्पतिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने तथा इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ उन्हें आगाह किया।

ओडिशा के कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को ऑनलाइन तरीके से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस महान स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

उन्होंने कहा कि नेताजी ने आरामदायक क्षेत्र छोड़ने का विकल्प चुना और देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया।

मोदी ने कहा, ‘‘वह ‘कंफर्ट जोन’ के बंधन में नहीं बंधे। इसी तरह आज हम सभी को विकसित भारत के निर्माण के लिए अपने ‘कंफर्ट जोन’ से बाहर निकलना है। हमें खुद को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाना है और उत्कृष्टता को चुनना ही है, दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना है।’’

उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन लोगों से सतर्क रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’’

सरकार ने साल 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्‍मदिन 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

इससे पहले मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज पराक्रम दिवस के अवसर पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अद्वितीय है। वह साहस और धैर्य के प्रतीक हैं। उनका दृष्टिकोण हमें प्रेरित करता है और हम उस भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसकी उन्होंने कल्पना की थी।’’

इस वर्ष पराक्रम दिवस समारोह का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा कटक में किया गया।

तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उस घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ हुई, जहां नेताजी का जन्म हुआ था, जिसे अब उनके लिए समर्पित एक संग्रहालय में बदल दिया गया है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के प्रति बोस की अडिग भावना को याद किया।

धनखड ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भारत की स्वतंत्रता के लिए बोस का अनुकरणीय समर्पण और आजाद हिंद फौज का गठन उनकी असाधारण दृष्टि और वीरता का प्रमाण है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘नेताजी की वीरता, राष्ट्रवादी भावना और भारत को विदेशी शासन से मुक्त कराने में उनके योगदान ने अनगिनत भारतीयों को प्रेरित किया है। वह मातृभूमि के लिए नि:स्वार्थ समर्पण की प्रतिमूर्ति थे।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बोस का जीवन साहस, बुद्धिमत्ता और अटूट देशभक्ति का प्रतीक है।

कोलकाता में, बिमान बोस के नेतृत्व में वाम मोर्चा के नेताओं ने सुबोध मल्लिक स्क्वायर पर नेताजी को पुष्पांजलि अर्पित की।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राजधानी लखनऊ में परिवर्तन चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत माता के महान सपूत और स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन साहस, निष्ठा और नि:स्वार्थ सेवा की मिसाल है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेताजी के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को प्रेरित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी ने स्वतंत्रता संग्राम को नयी दिशा दी। उन्होंने भारतवासियों के दिलों में देशभक्ति की ऐसी अलख जगाई, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। उनका नारा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ आज भी हर भारतवासी के लिए प्रेरणा स्रोत है।’’

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

सोरेन ने अपने संबोधन में झारखंड, बंगाल, बिहार और ओडिशा जैसे क्षेत्रों में बोस के महत्वपूर्ण प्रभाव का उल्लेख किया और कहा कि राज्य को ऐसे महान नेता से जुड़े होने का बहुत गर्व है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में कई महत्वपूर्ण स्थान हैं जहां वह रहे। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे बीच ऐसे महान व्यक्तित्व का जन्म हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी की अडिग भावना ने लोगों में आत्म-सम्मान पैदा किया और ऐसे लोगों की आवाज बने।’’

भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

नेताजी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए यादव ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के समय भारतीय सिविल सेवा परीक्षा जैसी कठिन परीक्षा को उत्तीर्ण किया था लेकिन कोई पद लेने के बजाय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का फैसला किया।

यादव ने कहा, ‘‘लेकिन कांग्रेस ने नेताजी जैसे अच्छे नेताओं को परेशान करना ही बेहतर समझा। वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने लेकिन अंततः उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर के साथ भी अन्याय किया। अब पाखंडियों की तरह कांग्रेस महू से यात्रा निकाल रही है।’’

भाषा देवेंद्र रंजन

रंजन

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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