पणजी, 14 नवंबर (भाषा) गोवा की मौजूदा भाजपा सरकार पर राज्य को कोयले का केंद्र बनाने के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दावा किया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में कोयले की परिवहन क्षमता बढ़ाने की अनुमति दी।
सावंत ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने वर्ष 2007 से 2012 के बीच राज्य में कोयला परिवहन संबंधी क्षमता को बढ़ाने की अनुमति दी।
उन्होंने शुक्रवार को दिवाली से पूर्व एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,‘‘ कांग्रेस नीत सरकार ने वर्ष 2011 में मरमगांव पोर्ट ट्रस्ट (एमपीटी) को कोयले की लदान आदि की क्षमता बढ़ाने की अनुमति दी। गोवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) ने भी इसका विस्तार करने के लिए जरूरी पर्यावरण मंजूरी दी।’’
सावंत ने दावा किया कि कांग्रेस नीत सरकार ने वर्ष 2011 में और दोबारा मार्च 2012 में इसकी मंजूरी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘कोयले की परिवहन क्षमता को 50 लाख टन करने की अनुमति कामत सरकार ने वर्ष 2012 के मार्च में दी जब राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता जारी थी।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास दस्तावेजी सबूत हैं जो साबित करते हैं कि कैसे कांग्रेस सरकार कोयला गोवा लेकर आई।
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियों सहित कई कार्यकर्ता भी राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार, दक्षिण पश्चिम रेलवे द्वारा पटरियों के दोहरीकरण सहित तीन परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य पड़ोसी कर्नाटक राज्य से कोयले की ढुलाई है।
भाषा धीरज अविनाश
अविनाश
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