‘थकी, हारी, निराश सरकार’ का आइना है राष्ट्रपति का अभिभाषण: प्रमोद तिवारी |

‘थकी, हारी, निराश सरकार’ का आइना है राष्ट्रपति का अभिभाषण: प्रमोद तिवारी

‘थकी, हारी, निराश सरकार’ का आइना है राष्ट्रपति का अभिभाषण: प्रमोद तिवारी

:   Modified Date:  July 2, 2024 / 01:05 PM IST, Published Date : July 2, 2024/1:05 pm IST

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण को ‘एक थकी, हारी और निराश सरकार’ का आइना करार दिया और कहा कि इसमें महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर जैसे मुद्दों का हल निकालने की कोई ठोस योजना नहीं है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए तिवारी ने आरोप लगाया कि चुनावी लाभ लेने के चक्कर में अयोध्या में ‘अर्द्धनिर्मित’ मंदिर में ही प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई और यह भगवान का ‘गुस्सा’ और ‘कोप’ ही था कि अयोध्या सहित उन सभी क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सफाया हो गया जहां भगवान राम के कदम पड़े थे।

तिवारी ने कहा कि वह अवध के रहने वाले हैं और उन्होंने कई बार कहा था कि अर्द्धनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं होनी चाहिए, इससे समाज पर संकट आता है। उन्होंने कहा कि इसीलिए चारों शंकराचार्य भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘आपने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कर दी। चुनाव अप्रैल-मई में होना था इसलिए… । मैं बार-बार कहता हूं, इधर बैठे हुए लोग (विपक्ष की ओर इशारा करते हुए) भगवान राम के सच्चे पुजारी हैं। उधर बैठे हुए लोग (सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए) भगवान राम के व्यापारी हैं। वे भगवान राम का सौदा करते हैं।’’

कांग्रेस नेता ने हाल के दिनों में अयोध्या के मंदिर में पानी के रिसाव का उल्लेख किया और कहा कि वहां के मुख्य पुजारी ने भी कहा है कि मंदिर के गर्भगृह में पानी टपक रहा है।

तिवारी ने कहा, ‘‘मैं उसकी (मंदिर निर्माण की) गुणवत्ता पर नहीं जाता। क्योंकि इन्हें भगवान राम का दुरुपयोग करना था, उनके नाम का दुरुपयोग करना था। इसलिए 22 जनवरी को (प्राण प्रतिष्ठा) कर दिया गया । वरना एक साल बाद या डेढ़ साल बाद भी प्राण प्रतिष्ठा हो सकती थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए भगवान नाराज हो गए, गुस्सा हो गए… हरा दिया इनको अयोध्या में, जिसकी टीस नहीं जा रही है। जहां-जहां भगवान राम के कदम पड़े, वहां से वह साफ हो गए। मैं उस उत्तर प्रदेश से आता हूं जहां राम भी हैं, काशी भी है, मथुरा भी है। आप 63 सीट से घट कर 33 पर पहुंच गए। अगली बार आपका अता-पता नहीं चलेगा। यह भगवान राम का कोप है। सारे भगवान का कोप है।’’

उच्च सदन में कांग्रेस के उप नेता ने सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) पर लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान बदलने का विमर्श गढ़ने संबंधी लगाए गए आरोपों का भी जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा ने 400 पार का नारा दिया था और उसके सांसदों ने कहा था कि संविधान बदला जाएगा।

तिवारी ने कहा, ‘‘संविधान बदलने की ना अब आपकी हैसियत रही और ना ही हिम्मत रही कि आप संविधान बदल पाएंगे…और आप संविधान बदल भी नहीं पाएंगे। मैं चुनौती देता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसी सदन में आखिरी दिन नारा लगा था अबकी बार 400 पार। लेकिन 240 पर अटक गए। बहुमत के लिए 272 चाहिए। अब आपने बैसाखी के सहारे या अपने सहयोगी दलों के सहारे सरकार बनाई है। …और आप खुश हैं तो कोई बात नहीं है। यह बैसाखी पर चलने वाली सरकार है और उनकी भविष्यवाणी गलत हुई।’’

इससे पहले, भाजपा के अशोक चव्हाण ने कहा था कि चुनावों के दौरान विपक्ष की ओर से संविधान बदलने का विमर्श गढ़ा गया, जिसमें कोई सच्चाई नहीं थी।

तिवारी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति जी का पूरा अभिभाषण एक थकी हुई, हारी हुई, पहले से कमजोर, निराश और ऐसी सरकार का आईना लग रहा है, जो अभी हार के सदमे से उबर नहीं पाई है।’’

उन्होंने कहा कि देश पिछले 40 साल की सबसे अधिक कमरतोड़ का महंगाई और 38 साल की सबसे अधिक बेरोजगारी का सामना कर रहा है लेकिन राष्ट्रपति के अभिभाषण में इनका समाधान निकालने की कोई ठोस योजना का जिक्र नहीं है।

कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया कि मणिपुर हिंसा और लद्दाख में सीमा पर जवानों की शहादत का भी राष्ट्रपति के अभिभाषण में कोई उल्लेख नहीं है।

तिवारी ने विदेशों से काला धन वापस लाने, हर साल दो करोड़ नौकरियां देने, किसानों की आय दोगुनी करने, गंगा नदी की सफाई करने, पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने के सरकार के वादों का उल्लेख करते हुए केंद्र सरकार पर जनता से विश्वासघात करने का आरोप लगाया।

उन्होंने चुनावी बॉण्ड का मुद्दा भी उठाया और दावा किया कि यह देश की आजादी के बाद सबसे बड़ा घोटाला है।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा

 

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