नई दिल्ली। एक साथ तीन तलाक दिए जाने (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा को मुस्लिम पुरुषों के लिए दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश को केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को तीसरी बार जारी किया। केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) दूसरा अध्यादेश, 2019 पर हस्ताक्षर कर दिए है।
बता दें कि मोदी कैबिनेट ने मंगलवार को हुई बैठक में तीन तलाक अध्यादेश को फिर से जारी करने पर सहमति दी थी। तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक लोकसभा ने पारित हो चुका है लेकिन राज्यसभा में लंबित है। मौजूदा लोकसभा के भंग होने के साथ ही तीन जून को यह विधेयक भी समाप्त हो जाएगा।
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एक साल से भी कम समय में इस अध्यादेश को तीसरी बार फिर से जारी किया गया है। वहीं विपक्षी पार्टियों और समुदाय के कुछ नेताओं ने इस विधेयक पर आपत्ति जताई है। इधर सरकार का कहना है कि इससे मुस्लिम महिलाओं को न्याय और बराबरी का हक मिलेगा।