कैसे पहुंचे एंबुलेंस वहां, जहां सड़क ही नहीं, 10 किलोमीटर पहाड़ी रास्ता तय कर महिला को पहुंचाया अस्पताल | pregnant woman carried for more than 10 kms to hospital

कैसे पहुंचे एंबुलेंस वहां, जहां सड़क ही नहीं, 10 किलोमीटर पहाड़ी रास्ता तय कर महिला को पहुंचाया अस्पताल

कैसे पहुंचे एंबुलेंस वहां, जहां सड़क ही नहीं, 10 किलोमीटर पहाड़ी रास्ता तय कर महिला को पहुंचाया अस्पताल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : July 24, 2019/11:25 am IST

देहरादून: बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने का सरकार करने वाली उत्तराखंड सरकार की पोल उस वक्त खुल गई जब पता चला कि इस गांव में पहुंचने के लिए सड़क तो दूर पगडंडी भी नहीं है। वहीं, सरकार ने बीते दिनों दूर-दराज वाले इलाक़ों में जल्द से जल्द पहुंचने के लिए हैलि एंबुलेंस भी शुरू करने का दावा किया है। इन पहाड़ों के बीच बसे गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं से कहीं ज्यादा सड़कों की जरूरत है। इन गांवों में स्वास्थ्य सुविधा के आभाव में कम बल्कि समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के चलते लोगों की ज्यादा मौत होती है।

 पहाड़ों में ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर करीब 10 किलोमीटर तक महिला को कंधों पर ले जाना गया.

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ऐसा ही एक वाकया सामने आया है देहरादून की चकराता तहसील के बुरायला गांव से, जहां एक महिला ने 9 दिन पहले बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के दौरान महिला की तबियत बिगड़ने लगी। इसके बाद हालात को देखते हुए ग्रामीणों ने उसे अस्पताल ले जाने का फैसला लिया।

 यह रास्ता न सिर्फ़ ख़तरनाक है बल्कि थकाऊ भी है, न सिर्फ़ बीमार को लेकर चलने वालों के लिए बल्कि बीमार के लिए भी.

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ग्रामीणों ने बांस बांधकर एक पालकी जैसी बनाई और इस पालकी मे लिटाकर अस्पताल ले जाने लगे। महिला को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर करीब 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। यह रास्ता न सिर्फ़ ख़तरनाक है बल्कि थकाऊ भी है, न सिर्फ़ बीमार को लेकर चलने वालों के लिए बल्कि बीमार के लिए भी।

 उत्तराखंड सरकार राज्य में लगातार स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने का दावा कर रही है. हाल ही में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली संस्था को भी बदला गया है और कई नई एंबुलेंस भी खरीदी गई हैं. दूर-दराज वाले इलाक़ों में जल्द से जल्द पहुंचने के लिए हैलि एंबुलेंस भी शुरु करने का दावा किया गया है. लेकिन पहाड़ तक स्वास्थ्य सेवा के पहुंचने के लिए पहली ज़रूरत सड़क की है. सड़क मार्ग न होने की वजह से लोगों को बीमारों को कंधों पर लेकर कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है. चकराता की ये तस्वीरें राज्य में स्वास्थ्य सेवा की हकीकत बताने के लिए काफ़ी हैं.

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मुख्य मार्ग तक पहुंचने के बीमार महिला को किसी तरह वाहन के सहारे सीएचसी साहिया में पहुंचाकर भर्ती करवाया गया, लेकिन वहां भी स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने के कारण उसे रेफर कर दिया गया।

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