Coal Crisis in India : नई दिल्ली। देश में कोयला संकट गहराता जा रहा है। केंद्र सरकार ने कोयला आधारित बिजली संयंत्रों (Power Plants) को पहले ही यह सूचित कर दिया है कि जून कम घरेलू कोयले की आपूर्ति होगी। इसे देखते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने एक आतंरिक मेमो में कुछ ऊर्जा संयंत्रों को सलाह दी है। दरअसल, ऊर्जा मंत्रालय ने कुछ पावर प्लांट्स को ये सलाह दी गई है कि वे बिजली की ज्यादा मांग की पूर्ति के लिए कोयले क आयात करें।
बता दें ऊर्जा मंत्रालय ने जून में कुल कोयला आपूर्ति का लक्ष्य 633 लाख टन से घटाकर 562 लाख टन कर दिया है। इसके साथ ही सरकारी कोयला कंपनियों ने कोयला आपूर्ति के लक्ष्य में कमी कर दी है। सरकारी कंपनियों कोल इंडिया और सिंगरेनी कोयलियरीज ने जून में कुल 474.5 लाख टन कोयला आपूर्ति का लक्ष्य तय किया है। बता दें ये पहले के लक्ष्य 523 लाख टन से 9.3 फीसदी कम है। इसे लेकर केब्द्र सरकार ने अन्य राज्यों को चेतावनी दी है।
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Coal Crisis in India : रिपोर्ट के अनुसार अगले महीने से बिजली कंपनियों को उपलब्ध कोयले का आवंटन इसी अनुपात में किया जाएगा। इसपर ऊर्जा मंत्रालय ने मंगलवार को मेमो में कहा है कि शेष कोयले के आवश्यकता की पूर्ति आयातित और सुरक्षित कोयला खदानों से वास्तविकता पर आधारित खनन से की जाएगी। बता दें केंद्र सरकार ने इससे पहले पिछले 38 साल में सबसे अधिक बिजली मांग को पूरा करने के लिए कोयला आयात को शून्य पर लाने संबंधी नीति में इस साल परिवर्तन किया था। इतना ही नहीं केंद्र ने आयातित कोयला संयंत्रों को चलाने और बंद पड़ी कोयला खानों को फिर से खोलने का निर्णय भी लिया।
ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार कोयले का कम आयात घरेलू कोयला आपूर्ति पर दबाव बना रहा है और बिजली संयंत्रों के लिए ईंधन में कमी का कारण भी बन रहा है। जिसे देखते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने घरेलू कोयले में मिलाने के लिए जून का कोयला आयात लक्ष्य 16.2% बढ़ाकर 48.9 लाख टन कर दिया है।
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केंद्र सरकार ने इसे लेकर बिजली संयंत्रों को पहले भी चेताया था। दरअसल, केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सरकारी बिजली संयंत्रों को चेतावनी दी थी कि यदि उन्होंने 15 जून से ईंधन में मिलाने के लिए कोयला आयात नहीं किया तो घरेलू कोयले की आपूर्ति में कमी कर दी जाएगी। ऐसे संयंत्र जो बाहर से कोयला आयात करेंगे उन्हें कोयला कंपनियां उपलब्ध होने पर ज्यादा कोयला भेजेंगी ताकि उनके पास ईंधन का पर्याप्त भंडारण हो सके।
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