Possible presidential candidates : राष्ट्रपति चुनाव का बिगुल बज चुका है। ऐसे में सबकी जुबां पर बड़ा सवाल यह है कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा ? एनडीए और यूपीए अपने-अपने उम्मीदवार को लेकर सियासत की चाल चलने में लगे हैं। हर तरह से दांव पेंच बैठाए जा रहे हैं। वहीं क्या तीसरा मोर्चा भी राष्ट्रपति पद के लिए अपना अलग से उम्मीदवार देगा ? इन सब पर भी खूब चर्चा हो रही है। फिलहाल, लेकिन सबकी नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर टिकी हैं। इसकी बड़ी वजह ये है कि बीजेपी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, ज्यादातर राज्यों में उसकी सरकार है और वो अपने उम्मीदवार को बड़े आराम से राष्ट्रपति बनवा सकती है।
सब कुछ सही रहा तो विपक्ष अगले दस दिनों में राष्ट्रपति का संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर देगा। अनौपचारिक तौर पर सभी प्रमुख विपक्षी दलों की ओर से एक संयुक्त उम्मीदवार की सहमति बन चुकी है। 15 जून को कांस्टीट्यूशन क्लब में होने वाली विपक्षी नेताओं की हाल के दौर में होने वाली सबसे बड़ी बैठक में पूरी कर ली जाएगी। साझा उम्मीदवार घोषित करने को लेकर सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेता न सिर्फ एकजुट हैं बल्कि एक साझा प्रत्याशी के लिए भी रजामंद हो चुके हैं। ऐसे में 15 जून को दिल्ली में सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं के साथ होने वाली महाबैठक राष्ट्रपति के चुनावों से पहले एक अहम बैठक मानी जा रही है।
15 जून को दिल्ली में होने वाली इस बैठक के लिए 22 नेताओं को पत्र लिखा गया है। इसमें केरल के मुख्यमंत्री पीनाराई विजयन, तेलंगाना के चीफ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन, पंजाब के सीएम भगवंत मान, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव समेत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर बुधवार को होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी डी राजा और सीपीआईएम के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी समेत समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया जयंत चौधरी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पूर्व पीएम एच डी देवगौड़ा, कश्मीर से प्रमुख राजनैतिक पार्टी पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समेत शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर बादल और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के पवन चामलिंग समेत एनसीपी के मुखिया शरद पवार को बैठक में आमंत्रित किया गया है।
सियासी जगत में कई नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन पीएम मोदी की राजनीति और कार्य शैली को नजदीक से जानने वालों का कहना है कि जो नाम मीडिया में आ गया, समझ लो कि उसका पत्ता साफ हो गया। इसलिए फिलहाल तो सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी नहीं पता कि उनकी तरफ से अगले राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होने वाला है। देश के मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई में समाप्त होने वाला है। उन्होंने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी। अब इस तारीख से ठीक पहले देश के सांसदों और राज्यों के विधायकों को अपना 15 वां राष्ट्रपति चुनना है। बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए कौन सा नया चेहरा पेश करता है, ये तो अगले कुछ दिनों में सबके सामने होगा।
Possible presidential candidates : एनडीए के उम्मीदवार के नाम का अंतिम फैसला तो पीएम मोदी ही करेंगे, लेकिन बीजेपी खेमे में एक थ्योरी ये भी चल रही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी इस पद के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित नेता या किसी महिला को उम्मीदवार बनाने के ऐलान कर सकती है। फिलहाल देश की कुल आबादी में ओबीसी और महिलाओं का ही सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व है। ओबीसी देश की कुल आबादी का 40 फीसदी से अधिक हैं, जबकि महिलाएं भारत की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि महिलाएं भाजपा का नया वोटबैंक हैं। इसलिए बीजेपी के कुछ नेताओं को लगता है कि पार्टी इस पद के लिए या तो ओबीसी या महिला को नामित कर सकती है और हो सकता है कि किसी महिला-ओबीसी को ही मैदान में उतार दे, लेकिन फिलहाल ये सब अटकलबाजियां ही कही जाएंगीं क्योंकि कोई नहीं जानता कि झोले से निकलने वाली उस पर्ची पर किसका नाम लिखा होगा,जो उसे फर्श से अर्श पर ले जाएगा।
दूसरी ओर इस चुनाव के लिए विपक्षी खेमे में काफी खिचड़ी पक रही है। इस पूरी कवायद में टीआरएस सुप्रीमो और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की भूमिका बेहद अहम है ,जो सिलसिलेवार तरीक़े से विपक्षशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के। चंद्रशेखर राव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाक़ात की थी। केसीआर ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से भी दिल्ली में अलग से मुलाक़ात की।बताया जाता है कि दोनों से हुई इस मुलाकात में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार को अपना समर्थन देने के लिए आसानी से मना लिया है। हालांकि केसीआर की सीएम केजरीवाल से मिलने की वजह तो यही बताई गई कि उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 738 किसानों को तीन लाख रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा की थी। लेकिन उनका बड़ा मकसद ये भी था कि देश के सर्वोच्च पद के लिए होने वाले इस चुनाव में विपक्ष की सियासी पिच को मजबूत किया जाये।
भारतीय खेल जगत से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवारों ( Possible presidential candidates) के लिए क्या चर्चा हो रही है? खेल जगत के मशहूर इन हस्तियों के नामों पर भी चर्चा चल रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर खेल जगत से सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी कपिल देव के नाम पर भी चर्चा चल रही है। क्रिकेट जगत के महानतम ऑलराउंडर कपिल देव किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। वह भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक हैं। 1983 के क्रिकेट विश्वकप में उन्हीं की कप्तानी में भारत ने पहला विश्वकप जीता। आम आदमी पार्टी से उनकी नजदिकियों को लेकर पिछले कुछ दिनों से चर्चा चल रही थी कि वह राजनीति में नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी उनके लिए मोर्चाबंदी कर सकती है। हालांकि उन्होंने ऐसी संभावनाओं से साफ इंकार कर दिया है। लेकिन सियासत में उनके नाम की चर्चा है।
राष्ट्रपति के संभावित चेहरों की सूची में भारत के दिग्गज क्रिकेटर्स में एक सुनील गावस्कर के नाम को लेकर भी चर्चा है। इन्होंने बल्लेबाजी से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। मुम्बई में जन्में गावस्कर क्रिकेट में कई कीर्तिमान रचे हैं। इन्होंने बल्लेबाजी से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। उन्होंने भारतीय टीम का कुशल नेतृत्व किया और कई शानदार जीत हासिल की। क्रिकेट के ‘आभूषण’ कहे जाने वाले गावस्कर ने एक दिवसीय मैचों में भी अपनी टीम के लिए ठोस आधार प्रस्तुत किया है। वे 100 कैचों का कीर्तिमान भी इंग्लैंड में बना चुके हैं। बीजेपी, कांग्रेस और एनसीपी में भी उनके बेहतर संबंध हैं। शिवसेना भी उन पर दांव लगा सकती है।
खेल जगत से यदि किसी को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया जा सकता है तो वह किक्रेट जगत के ‘भगवान’ कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर हैं। विपक्ष का संयुक्त मोर्चा उनके नाम पर दांव चल सकता है। सचिन क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह पहले खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके हैं। सन् 1989 में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् वह बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। सचिन एक महान खिलाड़ी होने के साथ साथ एक अच्छे इंसान भी हैं। अपनी मेहनत लगन से देश-विदेश में अपने काम का लोहा मनवाया है।
1 मार्च 1983 में मणिपुर में जन्मी भारतीय महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम राष्ट्रपति पद के संभावित चेहरों में से एक हैं। पांच बार वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन रह चुकी मैरी कॉम ने पहली बार साल 2001 में नेशनल वीमंस बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती थी। मुक्केबाजी में उल्लेखनीय योगदान के लिए सरकार मैरी कॉम को कई पुरस्कारों से नवाज चुकी हैं। वर्ष 2003 में मैरीकॉम को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा था और 2006 में पद्मश्री पुरस्कार दिया गया। 29 जून 2009 को उन्हे भारतीय खेलों का सबसे बड़ा परस्कार राजीव गांधी खेल रत्न दिया गया। मैरी कॉम को लेकर बॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है जिसमें मैरी कॉम की भूमिका प्रियंका चोपड़ा ने निभाई थी।
क्रिकेट और मुक्केबाज के बाद यदि कोई तीसरा नाम आता है, तो वो हैं लोकप्रिय भारतीय फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया। सिक्किम के रहने वाले भूटिया एक स्ट्राइकर के तौर पर भारतीय टीम में शामिल हैं। भूटिया भारतीय फुटबॉल का सबसे जाना माना चेहरा हैं। उन्हें अक्सर सिक्कीमिस स्नीपर कहा जाता है। तीन बार इंडियन प्लेअर रह चुके आई एम विजयन भुटिया को भारतीय फुटबॉक के लिए ईश्वर का तोहफा कहते हैं। बाइचुंग भूटिया के अंतराष्ट्रीय फूटबॉल के खिताबों में नेहरू कप, एलजी कप, एसएएफएफ चैंम्पियनशिप तीन बार और एएफसी चैलेंज कप शामिल हैं। भूटिय भारत के सर्वाधिन मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं। साल 2009 में उन्होंने नेहरू कप में खेलने के दौरान अपनी 100वीं कैप हासिल की मतलब यह उनका 100वां मैच था। उन्होंने कुल 104 कैप हासिल की हैं।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली पर्वतारोही भारतीय महिला बिछेंद्री पाल किसी परिचय की मोहताज नहीं है। सन 1984 में माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाली बिछेंद्री पाल एवरेस्ट की ऊंचाई को छूने वाली दुनिया की पांचवीं महिला पर्वतारोही हैं। वर्तमान में वे इस्पात कंपनी टाटा स्टील में कार्यरत हैं, जहां वह चुने हुए लोगो को रोमांचक अभियानों का प्रशिक्षण देती हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सन 1954 को जन्मीं बिछेंद्री पाल को बीजेपी आगे बढ़ा सकती है। कई अर्वा़डी विजेता पाल के लिए पर्वतारोहण का पहला मौक़ा 12 साल की उम्र में आया, जब उन्होंने अपने स्कूल की सहपाठियों के साथ 400 मीटर की चढ़ाई की। 1984 में भारत का चौथा एवरेस्ट अभियान शुरू हुआ। इस अभियान में जो टीम बनी, उस में बछेंद्री समेत 7 महिलाओं और 11 पुरुषों को शामिल किया गया था।
राष्ट्रपति के संभावित चेहरों की सूची में भारतीय पारसी एथलीट आदिल सुमरिवाला के नाम की भी चर्चा है। साल 1980 के मास्को ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए लोकप्रिय सुमरिवाला ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और ओलंपिक में 100 मीटर धावक के रूप में प्रतिस्पर्धा की। वर्तमान में, वह भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष हैं और IAAF की 50 वीं कांग्रेस में परिषद के सदस्यों में से एक के रूप में चुने गए। इस प्रकार ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय बन गए। उद्यमी के साथ ही वह अमेरिकी मीडिया कंपनी सहित कुछ मीडिया कंपनियों में कार्यकाल के बाद भारत में कई मीडिया व्यवसायों के मालिक हैं। आदिल सुमरिवाला एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। । 63 वर्षीय सुमरिवाला को स्कूल के दिनों से ही इसमें रुझान रहा था। उन्होंने 22.2 सेकंड के समय के साथ पुरुषों के 200 मीटर इंटर कॉलेज का रिकॉर्ड कायम किया, जिसे 35 साल तक कोई नहीं तोड़ पाया।
खेत जगत से और किसी के नाम की बारी आती है तो वो हैं विश्व नंबर 1 पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण। उन्होंने अपने करियर में कई बडे मुकाम हासिल किए। वो प्रतिष्ठित टूर्नामेंट ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय थे, जो टेनिस में एक ग्रैंड स्लैम खिताब के बराबर है। पादुकोण ने 1978 राष्ट्रमंडल खेलों और 1981 विश्व कप में एक-एक स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 1991 में खेल से संन्यास ले लिया। इसके बाद उन्होंने 1993 से 1996 तक बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके अलावा ओलंपिक एथलीटों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद करने के लिए ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट की सह-स्थापना की।
श्रॉफ एशियाई नौकायन महासंघ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने 2004 के 49er वर्ग की श्रेणी में ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया। एक युवा राष्ट्रीय चैंपियन होने के अलावा उन्होंने 1999 अल्बाकोर विश्व चैंपियन में नाविक के रूप में भी भाग लिया। उन्होंने 2005 से 2012 तक अंतर्राष्ट्रीय 49er वर्ग के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।
भारत के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद राष्ट्रपति पद के संभावित चेहरों में से एक हैं। वह पूर्व वर्ल्ड चेस चैंपियन हैं। साल 1988 में आनंद भारत के पहले ग्रांड मास्टर बने। उन्होंने 2000 से 2002 के बीच एफआईडीई वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप कराई। 2007 में वह विश्व चैंपियन बने और 2008 में भी अपना टाइटल रूस के व्लादिमिर क्रेमनिक को हराकर बरकरार रखा।
आनंद को पसंद करने वालों में उनके प्रतिद्वंदी गैरी कास्परोव और व्लादिमिर क्रामनिक भी शामिल हैं जिन्होंने उन्हें 2010 की वर्ल्ड चेस चैंम्पियनशीप की तैयारी में मदद की। आनंद को टाइगर ऑफ मद्रास भी कहा जाता है। आनंद अकेले ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें 7 नवंबर 2010 में तत्कालिन पीएम मनमोहन सिंह द्वारा यूएसए के प्रेसिडेंट बराक ओबामा के लिए दिए गए भोज में शामिल किया गया था।
टेनिस जगत से यदि किसी का नाम आता है तो वो हैं लिएंडर पेस। लिएंडर पेस भारत के व्यावसायिक टेनिस खिलाड़ी हैं। वह भारत के सफलतम खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने कई युगल एवं मिश्रित युगल स्पर्धायें जीती हैं। उनको भारत का खेल जगत में सबसे ऊँचा पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार 1996-1997 में दिया गया और साथ ही २००१ में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 2014 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। युगल मैचों के अलावा उन्होंने डेविस कप टेनिस स्पर्धा में भारत के लिये कई यादगार जीतें हासिल की और 1996 अटलांटा ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता। लिएंडर पेस पुरुष डबल्स तथा मिक्सड डबल्स के सर्वाधिक सफल खिलाड़ियों में से एक हैं।
पूर्व ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी एमपी गणेश के नाम की भी चर्चा है। एमपी गणेश का जन्म 8 जुलाई 1946 को कर्नाटक के कोडागु जिले में हुआ था । भारतीय सेना में शामिल होने के बाद उन्होंने हॉकी की ओर रुख किया और 1966 – 1973 तक हॉकी टूर्नामेंट में खेले। कई अवॉर्ड प्राप्त एमपी गणेश हॉकी के क्षेत्र में कई योगदान दिए। कोच के रूप में भी लंबे समय तक सेवाएं दी।
डीएनडी फ्लाईवे टोलमुक्त बना रहेगा : न्यायालय
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