अपराध का राजनीतिकरण करना प्रवृत्ति बन गई है, इससे समाधान नहीं निकलता: दिल्ली के उपराज्यपाल |

अपराध का राजनीतिकरण करना प्रवृत्ति बन गई है, इससे समाधान नहीं निकलता: दिल्ली के उपराज्यपाल

अपराध का राजनीतिकरण करना प्रवृत्ति बन गई है, इससे समाधान नहीं निकलता: दिल्ली के उपराज्यपाल

:   Modified Date:  June 20, 2023 / 10:23 PM IST, Published Date : June 20, 2023/10:23 pm IST

नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर ‘‘अपराध के राजनीतिकरण’’ के विरुद्ध आगाह करते हुए कहा कि इससे कोई समाधान नहीं निकलता।

सक्सेना ने कहा कि सतर्कता के बावजूद अपराध की घटनाएं हो रही हैं। इससे पहले केजरीवाल ने 19 जून को सक्सेना को एक पत्र लिखा था, जिसमें अपराध की घटनाओं में ‘‘खतरनाक’’ वृद्धि पर प्रकाश डाला गया था और उपराज्यपाल तथा मंत्रिमंडल के बीच बैठक का सुझाव दिया गया था।

उपराज्यपाल ने कहा कि ‘‘राजनीतिक अवसर के लिए मीडिया का ध्यान खींचने के बजाए’’ केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों का उनसे सार्थक चर्चा के लिए मुलाकात करने का स्वागत है।

उपराज्यपाल ने पत्र में कहा है, ‘‘मैं इस मौके पर यह भी उजागर करना चाहता हूं कि अपराध का राजनीतिकरण करना इन दिनों एक प्रवृत्ति बन गई है और आप मानेंगे कि इससे कोई समाधान नहीं निकलता है। इससे अपराध को बढ़ावा मिलने के अलावा पीड़ित और उनके परिवार को अनावश्यक पीड़ा होती है।’’

पत्र में कहा गया, ‘‘हाल में कई जघन्य घटनाएं सामने आई हैं। जैसे कि एक लड़की को उसके लिव-इन पार्टनर द्वारा मार डाला गया, शव को टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिया गया, एक लड़की को सार्वजनिक रूप से एक व्यक्ति द्वारा चाकू से वार कर मार डाला गया और उसे बचाने का कोई प्रयास नहीं किया गया और एक लड़की को कार से कई किलोमीटर तक घसीटा गया। इस तरह की घटनाएं ना केवल अपराध की प्रकृति में बल्कि समग्र रूप से अपराध के प्रति समाज के दृष्टिकोण में आमूल-चूल परिवर्तन की ओर भी इशारा करती हैं।’’

इस तरह के अपराध में शामिल अपराधियों के बारे में उन्होंने पत्र में कहा है कि ज्यादातर मामलों में, वे 30 वर्ष से कम उम्र के युवा हैं, जिनका कोई गंभीर आपराधिक अतीत नहीं रहा और सोशल मीडिया पर सक्रिय उपस्थिति थी।

पत्र में कहा गया, ‘‘इनके अलावा, पारिवारिक और आर्थिक विवाद से जुड़े अपराध, जैसा कि साकेत अदालत और आंबेडकर बस्ती (आर के पुरम) में हाल की घटनाओं से पता चलता है, असमान रूप से बढ़ रहे हैं। आप इस बात की सराहना करेंगे कि ऐसी घटनाओं को रोकने में निश्चित रूप से पुलिस की भूमिका होती है, समाज की भी भूमिका होती थी, जो ऐसी अनसुनी घटनाओं को होने से रोकता था।’’

उन्होंने कहा है, ‘‘अपराध का राजनीतिकरण से अपराध को बढ़ावा मिलने के अलावा, पीड़ित और उनके परिवार को बेहद पीड़ा होती है।’’

उपराज्यपाल ने कहा है, ‘‘2012 में एक दुर्भाग्यपूर्ण बलात्कार का मुद्दा तत्कालीन मुख्यमंत्री को राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए आपके द्वारा उठाया गया था। इस संबंध में, मुझे विश्वास है कि यह आपके लिए एक आंख खोलने वाला और अंतरात्मा को झकझोरने के रूप में काम करेगा।’’

भाषा आशीष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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