मलप्पुरम (केरल), 22 मार्च (भाषा) केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मलप्पुरम स्थित कालीकट विश्वविद्यालय में सावरकर के खिलाफ लगे बैनर की घटना पर शनिवार को नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के ‘‘शैक्षणिक संस्थानों के राजनीतिकरण’’ को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
आर्लेकर सीनेट की बैठक के लिए विश्वविद्यालय पहुंचे थे। उन्होंने कुलपति से कहा कि उन्हें ‘‘ऐसी सभी चीजों’’ का ध्यान रखना चाहिए।
केरल के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति एवं राज्यपाल ने कहा, ‘‘शिक्षा प्रणाली और शिक्षा संस्थान का राजनीतिकरण बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।’’
आर्लेकर ने कहा कि उन्होंने एक बैनर देखा जिस पर लिखा था ‘हमें सावरकर नहीं बल्कि चांसलर चाहिए’। इस पर राज्यपाल ने पूछा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह कैसी सोच है? यह किस तरह की सोच है? क्या सावरकर इस देश के दुश्मन थे?’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप उनकी शिक्षा से संबंधित सोच को समझेंगे तो आपको समझ में आएगा कि उन्होंने इस समाज को क्या दिया है। उन्होंने कभी अपने बारे में, अपने घर के बारे में, अपने परिवार के बारे में नहीं सोचा… कभी नहीं। उन्होंने हमेशा दूसरों के बारे में सोचा और हमेशा दूसरों को कुछ देने की कोशिश की है।’’
उन्होंने वह बैठक में सावरकर के बारे में बात करना नहीं चाहते थे, लेकिन बैनर ने उन्हें ऐसा करने के लिए ‘‘मजबूर’’ किया है।
‘‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’’ (एसएफआई) ने कुछ समय पहले कथित तौर पर यह बैनर लगाया था।
भाषा प्रीति रंजन
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