गुवाहाटी, 27 जून (भाषा) देशभर में सोमवार से नये आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं लेकिन राज्य पुलिस बल और वकीलों को अब तक उसका जरूरी असमिया अनुवाद मुहैया नहीं कराया गया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि औपनिवेशिक काल के कानूनों की जगह लेने वाले इस नये कानून का फिलहाल असमिया में अनुवाद किया जा रहा है।
वरिष्ठ अधिवक्ता शांतनु बोरठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”नये कानूनों का असमिया में अनुवाद चिंता का विषय है। हमें इस बारे में सरकार से अभी तक कोई संदेश नहीं मिला है।”
उन्होंने कहा, ”हमें नहीं पता कि अनुवाद का काम चल रहा है या नहीं।”
पुलिस के एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने पर बताया कि अनुवाद का काम चल रहा है और संबंधित सरकारी अधिकारी इसका जिम्मा संभाल रहे हैं। अधिकारी ने बताया, ”जहां तक मुझे पता है कि अनुवाद का काम चल रहा है और जल्द ही पूरा हो जाएगा।”
पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि असमिया अनुवाद की अनुपस्थिति से नये कानूनों के शुरुआती कार्यान्वयन में बाधा नहीं आनी चाहिए। अधिकारी ने बताया, ”इससे नये कानूनों को लागू करने में बाधा नहीं आनी चाहिए। कम से कम शुरुआत में तो नहीं।”
इससे पहले पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने आश्वस्त किया था कि पुलिस नये कानूनों को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
नये कानून एक जुलाई से पूरे देश में प्रभावी होंगे।
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (एनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) एक जुलाई से क्रमशः भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
भाषा जितेंद्र प्रशांत
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