दुष्कर्म के कारण गर्भवती हुई पीड़ित का अदालत में दावा, पुलिस भ्रूण के डीएनए परीक्षण के लिए नहीं उठा रही कदम |

दुष्कर्म के कारण गर्भवती हुई पीड़ित का अदालत में दावा, पुलिस भ्रूण के डीएनए परीक्षण के लिए नहीं उठा रही कदम

दुष्कर्म के कारण गर्भवती हुई पीड़ित का अदालत में दावा, पुलिस भ्रूण के डीएनए परीक्षण के लिए नहीं उठा रही कदम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : November 11, 2021/6:39 am IST

Pregnant due to rape kochi News : कोच्चि, , 11 नवंबर (भाषा) यौन उत्पीड़न के परिणामस्वरूप गर्भवती हुई एक दुष्कर्म पीड़िता ने बृहस्पतिवार को केरल उच्च न्यायालय के समक्ष आरोप लगाया कि मामले के जांच अधिकारी (आईओ) भ्रूण के डीएनए परीक्षण के लिए कदम नहीं उठा रहे थे।

पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उच्च न्यायालय के 13 अक्टूबर के आदेश की आड़ में जां अधिकारी उसका आईओ डीएनए परीक्षण कराने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठा रहा। इस आदेश में अदालत ने कहा कि जहां अपराध दर्ज किया गया है उसकी बजाये दूसरे पुलिस स्टेशन के अधिकारी उसे और उसके नाबालिग बच्चे को पुलिस सुरक्षा प्रदान करें।

उसने अदालत से कहा कि वह गर्भावस्था को जारी नहीं रखना चाहती है और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए मामले के जांच अधिकारी को कदम उठाने होंगे।

उच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर को पुलिस सुरक्षा आदेश पारित किया था जब पीड़िता ने दावा किया था कि संबंधित थाने के एसएचओ सहित दो अधिकारी आरोपी के साथ मिलकर उसे परेशान कर रहे थे।

इसके बाद न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने निर्देश दिया कि मामले के लंबित रहने या उसमें पारित किए गए अंतरिम आदेश “उचित जांच और मामले में की जा रही अन्य आवश्यक कार्रवाई के रास्ते में नहीं आऐंगे।’’ इस निर्देश के साथ अदालत ने मामले को 26 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

इस मामले में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि न केवल आरोपी बल्कि कुछ पुलिस अधिकारी भी उसे परेशान कर रहे हैं और इस वजह से उसे अपने एक करीबी रिश्तेदार के यहां छिपकर रहने के लिए मजबूर है।

भाषा

प्रशांत अनूप

अनूप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)