Mudia Purnima Mela 2024: मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में मुंडिया पूर्णिमा मेले की तैयारियों को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। मथुरा के गोवर्धन में लगने जा रहे मुड़िया पूर्णिमा मेला को लेकर प्रशासन हर दिन मीटिंग कर रहा है। मेला के लिए चल रही तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वहीं मथुरा के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मुड़िया पूर्णिमा मेला मथुरा जिले का एक ऐसा मेला है जिसमें सबसे ज्यादा श्रद्धालु यहां आते हैं। हमने सीसीटीवी कैमरे और पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था की है ताकि पूरी कनेक्टिविटी बनी रहे और हमें मेले में भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिल सके।
इसके अलावा हमारे विभिन्न विभागों चाहे वह स्वास्थ्य विभाग हो, बिजली विभाग हो, परिवहन विभाग हो, राजस्व विभाग हो, पुलिस विभाग हो, उनके सहयोग से हम मेले की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हमने 600 से ज्यादा सफाई कर्मचारियों को काम पर लगाया है। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे पॉलीथिन का इस्तेमाल न करें। आज डीजे पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है क्योंकि इसकी वजह से पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर घोषणा करना संभव नहीं है और अगर किसी परिवार का कोई सदस्य खो जाता है, तो उसे फिर से मिलाने में दिक्कतें आती हैं।
#WATCH | Uttar Pradesh | On preparations regarding the Mundiya Purnima Mela in the city, Mathura DM Shailendra Kumar Singh says, ” As we all know Mudiya Purnima Mela is one such festival of Mathura district in which most devotees come here… We have made arrangements for CCTV… pic.twitter.com/OlNIwFd34n
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 14, 2024
Mudia Purnima Mela 2024: बता दें कि मथुरा का यह मुड़िया पूर्णिमा मेला गोर्वधन में 15 जुलाई से 22 जुलाई तक लगने वाला है। इस मुड़िया पूर्णिमा मेले मे करोड़ों श्रद्धालु परिक्रमा करने के लिए यहां आते हैं। यह मथुरा के ब्रज का सबसे महत्वपूर्ण मेला है। वहीं बताते चले कि इस मेले की शुरुआत कब से हुई? महाप्रभु मंदिर के गौड़ीय महंत गोपाल दास के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन सन् 1556 में जब सनातन गोस्वामी का गोलोक वास हुआ तो उस समय गौडिया संतों के साथ ब्रजवासियों ने अपना सर मुड़वा लिया और उनके पार्थिव शरीर के साथ गोवर्धन की परिक्रमा की। जिसके बाद से गुरु पूर्णिमा को ही मुड़िया पूर्णिमा के नाम से जाना जाने लगा।