जयपुर: naseeruddin chishti on owaisi अजमेर दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन अली खान के बेटे नसीरुद्दीन चिश्ती ने शनिवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीऩ़( एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजे जाने को सकारात्मक रूप में देखा जाना चाहिए। ओवैसी ने हैदराबाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अजमेर दरगाह पर चादर भेजने से कोई लाभ नहीं है।
#WATCH हैदराबाद: प्रधानमंत्री मोदी द्वारा केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू को अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए भेजे जाने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “भाजपा, संघ परिवार और पूरे देश में उनके संगठन कोर्ट जा रहे हैं कि यहां-वहां खुदाई होनी चाहिए। वे कह रहे हैं कि यह… pic.twitter.com/YJPQZoTVCg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 4, 2025
चिश्ती ने कहा कि परंपरा रही है कि चादर प्रधानमंत्री द्वारा चढ़ाई जाती है, जिसका पालन मोदी कर रहे हैं। चिश्ती ने कहा, ‘ओवैसी का बयान उचित नहीं है। वह प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ सकते हैं, जो उन्होंने चादर के साथ भेजा है।’ केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के ‘उर्स’ पर अजमेर दरगाह पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेजी गई चादर चढ़ाई।
Owaisi on Modi उन्होंने दरगाह में प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ा, जिसमें सभी धर्मों के लोगों से सद्भावना के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया गया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ते हुए कहा कि भारत में विभिन्न कालखंडों में विभिन्न संतों और फकीरों ने जन-जन के बीच जाकर उनके जीवन को आलोकित किया और मानवता के संदेश से अपनी अमिट छाप छोड़ी।
उन्होंने कहा कि इन्हीं में से एक ख्वाजा गरीब नवाज ने समाज में प्रेम और सौहार्द बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंत्री ने कहा, ‘अमन और भाईचारे को समर्पित उनका जीवन पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। सशक्त देश व समाज के निर्माण के लिए हरसंभव कार्य करने की प्रेरणा देता रहेगा।’’
हैदराबाद में ओवैसी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अजमेर दरगाह पर चादर भेजने से कोई फायदा नहीं है और सरकार को मौजूदा मस्जिदों या दरगाहों को लेकर अदालतों में दायर किए जा रहे दावों को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।
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अजमेर शरीफ दरगाह पर प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजना एक परंपरा है, जिसे वर्षों से निभाया जा रहा है। यह एक प्रतीकात्मक कदम है, जो सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के ‘उर्स’ पर श्रद्धांजलि और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश देता है।
ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा अजमेर दरगाह पर चादर भेजने से कोई ठोस लाभ नहीं होगा। उन्होंने सरकार पर मौजूदा मस्जिदों और दरगाहों को लेकर अदालतों में दायर किए जा रहे दावों को रोकने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
नसीरुद्दीन चिश्ती ने ओवैसी के बयान को अनुचित बताया और कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजना एक सकारात्मक कदम है, जिसे सम्मान के साथ देखा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी के संदेश में सभी धर्मों के लोगों से प्रेम, सौहार्द, और भाईचारे के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया गया। संदेश में ख्वाजा गरीब नवाज की समाज में प्रेम और सद्भाव बढ़ाने में भूमिका को याद किया गया।
ओवैसी ने कहा कि सरकार को मौजूदा मस्जिदों और दरगाहों को लेकर किए जा रहे अदालती दावों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखा जा सके।