नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की वर्षगांठ के मौके पर शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तमाम आलोचनाओं के बावजूद इस कार्यक्रम पर भरोसा तो कर रहे हैं, लेकिन इसे कमजोर भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसने लाखों लोगों को सशक्त बनाया।
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘वर्ष 2005 में आज के दिन जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने मनरेगा लागू किया, तो हमने भारत के विकास के लिए एक समान और समावेशी दृष्टिकोण की कल्पना की। हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट, सरल और एकल था कि हमें समाज के सबसे गरीबों का उत्थान करना और उन्हें सम्मान का जीवन प्रदान करना है।’’
उनका कहना है कि मनरेगा लोगों को सम्मानजनक बुनियादी न्यूनतम आय की गारंटी देकर सशक्त बनाने का एक क्रांतिकारी कदम था।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी पहले इस कार्यक्रम की लगातार आलोचना करते थे, लेकिन अब वह खुद ही इस पर भरोसा कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर इसे कमजोर भी कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया, ‘‘मनरेगा के लिए बजटीय आवंटन को 10 साल के निचले स्तर पर ला दिया गया है। आधार कार्ड और प्रौद्योगिकी की आड़ में सात करोड़ से अधिक श्रमिकों के जॉब कार्ड हटा दिए गए हैं, राज्यों को भुगतान में देरी की गई है, और मजदूरी बेहद निचले स्तर पर रखी गई है।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस दूरदर्शी योजना की क्षमता को समझने या समर्थन करने में सरकार की विफलता के बावजूद, मनरेगा सामाजिक न्याय और हाशिये पर पड़े लोगों के सशक्तीकरण के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मनरेगा जैसे जन-केंद्रित कार्यक्रमों के माध्यम से ही हम वास्तव में एक ऐसे भारत के सपने को पूरा कर सकते हैं जो मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के देशों में सबसे आगे हो।’’
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