(तस्वीरों के साथ जारी)
नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए जाने का शनिवार को आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से समाज में एकता के संबंध में कही अपनी बातों को सही अर्थों में लागू करने का आग्रह किया।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्राधिकारियों पर राज्य में अल्पसंख्यकों के साथ सौतेला व्यवहार करने और उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया तथा उनके लिए न्याय की मांग की।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में सिंह ने आरोप लगाया कि एक विशेष समुदाय के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और उन्हें रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने मध्य प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ अत्याचार और हिंसा की कई घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में प्राधिकारियों की कार्रवाई न केवल राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक है बल्कि यह सभी को समान अधिकार देने वाले संविधान के भी खिलाफ है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने के लिए आप उच्चतम न्यायालय और गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करेंगे।’’
सिंह ने अपने पत्र में कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि आप सभी लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करेंगे और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के अपने नारे का ईमानदारी से पालन करेंगे और उसे लागू करेंगे।’’
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कार्रवाई की जाएगी और ऐसा नहीं होने पर वह सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे एवं सड़कों पर उतरेंगे और यहां तक कि अदालतों का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश के रतलाम और शाजापुर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामलों का हवाला दिया, जिसमें एक युवक अमजद खान की जान चली गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराध करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं और न्याय की मांग करने वालों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके खिलाफ अपराध करने वालों को प्राधिकारियों द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने रतलाम और शाजापुर के पुलिस अधिकारियों की भी आलोचना की और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने के लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
सिंह ने इस वर्ष सितंबर में शाजापुर में हुई हिंसा के पीड़ित के लिए पर्याप्त मुआवजा और नौकरी तथा घायलों के उपचार की भी मांग की।
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में कई भाजपा शासित राज्यों और मणिपुर जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं और प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से जो बात कहते हैं, उन्हें उसे लागू करना चाहिए।
सिंह ने 31 अक्टूबर को गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के दौरान लोगों से एकजुट रहने का आग्रह करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की लेकिन साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री समुदायों के बीच एकता की बात करते हैं लेकिन खुद उस पर अमल नहीं करते।
सिंह ने शनिवार को महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली में की गई मोदी की ‘‘एक हैं तो ‘सेफ’ हैं’’ टिप्पणी का जिक्र करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री की बात से सहमत हूं, लेकिन उन्हें भी ऐसा ही करना चाहिए। उन्हें अपने मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए और उनसे पूछना चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में बहुत अंतर है और अब जनता के बीच उनके प्रति अविश्वास बढ़ रहा है।’’
सिंह ने उलेमा मुस्लिमों की आरक्षण की मांग पर कहा, ‘‘उलेमा मुसलमान आरक्षण की मांग कर सकते हैं लेकिन भारतीय संविधान में धर्म के आधार पर किसी आरक्षण का प्रावधान नहीं है।’’
भाषा सिम्मी वैभव
वैभव
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