नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। बैठक में कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर चर्चा की जाएगी और मुख्यमंत्रियों से सुझाव मांगे। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने राज्यों की तारीफ करते हुए कहा कि लॉकडाउन पर जरूरत के हिसाब से फैसले बदलने पड़े हैं। बैठक के शुरू होने के साथ ही सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधित किया इससे बाद पीएम मोदी ने अपनी बात रखी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई चीजों पर मुख्यमंत्रियों के साथ विचार विमर्श कर उनकी राय जानी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों से 15 मई तक लॉकडाउन पर अंतिम सुझाव देने को कहा है। उन्होंने राज्यों से लॉकडाउन से निपटने के संबंध में व्यापक रणनीति बनाने को कहा है। पीएम मोदी ने कहा लॉकडाउन में क्रमिक ढील के दौरान और बाद में विभिन्न बारीकियों से निपटने के लिए एक खाका बनाना चाहिए।
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अपनी शुरुआती टिप्पणी में पीएम मोदी ने प्रवासी मजदूरों के बारे में बोला। उन्होंने कहा कि घर जाने की उनकी जरूरत को समझते हैं। हमारे लिए यह चुनौती है कि कोविड -19 को गांवों तक नहीं फैलने दें। मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5वीं वीडियो कांफ्रेंस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद हैं।
पीएम ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि भारत इस संकट से अपने आप को बचाने में बहुत हद तक सफल हुआ है। राज्यों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, दो गज की दूरी ढीली हुई तो संकट बढ़ेगा। हम लॉकडाउन कैसे लागू कर रहे हैं। यह बड़ा विषय रहा, हम सबकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि धीरे-धीरे ही सही, लेकिन निश्चित रूप से देशभर को कई हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं। आने वाले दिनों में इसमें तेजी आएगी।
महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब और बंगाल के सीएम ने पीएम मोदी से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। तेलंगाना के सीएम ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि पैसेंजर ट्रेन चलाने से कोरोना संक्रमण का खतरा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है।
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जहां एक तरफ अंतरराज्यीय सप्लाई चेन को सुचारू रूप से बहाल करने की मांग की, तो वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री का यह मानना था कि सिर्फ कंटेनमेंट जोन तक ही लॉकडाउन लागू रहना चाहिए। हालांकि, मंगलवार से करीब 50 दिन बाद शुरू होने जा रही रेल सेवा का तेलंगाना का मुख्यमंत्री ने विरोध किया। एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री इसके पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन को सिर्फ कंटेनमेंट जोन तक ही लागू रहना चाहिए।
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने राजनीतिक लाभ के लिए बंगाल को निशाना बनाया। हम इस संकट में एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार सीमाओं को खोल रही है। ट्रेनों को शुरू करने और हवाई अड्डों को शुरू किया जा रहा है, तो आगे के लॉकडाउन को जारी रखने की क्या जरूरत है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के साथ बैठक में कहा कि बिहार सरकार लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का मानना है कि लॉकडाउन हटने के बाद बड़ी संख्या में राज्य में आने वाले लोगों से कोराना संकट और गहरा सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी के साथ बैठक के दौरान कहा कि दिल्ली के सभी हिस्सों में फिर से आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
Prime Minister said he continues to feel optimistic, when not even a single state sounded despondent & that this collective determination will make India win in its fight against #COVID19. PM said that post-COVID era also brings opportunities that India must leverage: PM’s Office https://t.co/NcwNK4kDKy
— ANI (@ANI) May 11, 2020
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पीएम मोदी से कहा कि हमें किसानों के हालात पर काबू पाने के लिए कर्ज की जरूरत है। प्रवासी श्रमिक हमारे राज्य को छोड़ रहे हैं, इस बात की सावधानी बरतनी होगी कि वे इस वायरस को अपने घरों तक न लेकर जाएं। हमें प्रवासियों को राज्य छोड़ने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए, यदि संभव हो तो उन्हें वापस रहना चाहिए। हम उनकी मदद करेंगे। लॉकडाउन को हटाया नहीं जाना चाहिए, हमें इसे विनियमित करना चाहिए और कुछ छूट की अनुमति देनी चाहिए।
PM Modi said,”I am of the firm view that the measures needed in the first phase of lockdown were not needed during the 2nd phase and similarly the measures needed in the 3rd Phase are not needed in the fourth”: PMO https://t.co/NcwNK4kDKy pic.twitter.com/vz7bITeGXb
— ANI (@ANI) May 11, 2020
उद्धव ठाकरे ने कहा कि विशेष रूप से पीपीई, वेंटिलेटर आदि चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी माफ किया जाना चाहिए। ग्रीन जोन में, हम पहले ही आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दे चुके हैं। अंतर-जिला स्क्रीनिंग सख्ती के साथ होना चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से फैली अफवाहों पर अंकुश लगाने के प्रयासों की निगरानी की जानी चाहिए। राज्य में केंद्रीय पुलिस की तैनाती के लिए आग्रह करता हूं, क्योंकि राज्य पुलिस बिना किसी आराम के काम कर रही है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि पुलिस को आराम के लिए आवश्यक समय दिया जाए।
Referring to tourism, Prime Minister Narendra Modi said he saw potential for domestic tourism but we need to think of the contours of the same: Prime Minister’s Office on PM Modi’s 5th video conference with CMs
— ANI (@ANI) May 11, 2020
तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि हम इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ट्रेन सेवाओं की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, हम चाहते हैं कि केंद्र उचित रणनीति तैयार करे और ट्रेन सेवा को फिलाहल को के लिए बंद ही रखे। तेलंगाना के सीएम ने आशंका जताई कि ट्रेन सेवाओं को फिलहाल शुरू करने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है और स्क्रीनिंग आदि मुश्किल हो जाएगा।
PM Modi said “Even as we look at the gradual withdrawal of the lockdown, we should constantly remember that till we do not find a vaccine or a solution, the biggest weapon with us to the fight the virus is social distancing”: PM’s office on PM Modi’s 5th video conference with CMs
— ANI (@ANI) May 11, 2020
तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी ने पीएम मोदी से की एनएचएम फंड्स को जल्द जारी करने और तमिलनाडु को 2000 करोड़ का विशेष अनुदान जारी करने करने की मांग की है। उन्होंने साथ ही जीएसटी की बकाया राशि को भी जल्द जारी करने के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि चेन्नई में कोरोना के पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं, तमिलनाडु में 31 मई तक ट्रेन सेवा की अनुमति न दें। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि 31 मई तक नियमित हवाई सेवा भी शुरू नहीं करें।
Prime Minister Narendra Modi reaffirmed the importance of ‘Do Gaz Ki doori’ & added that suggestion of night curfew raised by many CMs would surely reaffirm the feeling of caution among people. He requested all the Chief Ministers for specific feedback on lockdown: PM’s Office https://t.co/dfYUnyRhLr
— ANI (@ANI) May 11, 2020
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अंतरराज्यीय सप्लाई चेन को सही तरीके से काम करने देना चाहिए। बिना राशन कार्ड के भी लोगों को राहत मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में इकॉनोमिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. जो प्रवासी मजदूर फंसे हुए है और वापस नहीं जा रहे हैं उन्हें कुछ निश्चित गतिविधियों में लगाया जाना चाहिए।
Prime Minister Modi said that we must understand that the world has fundamentally changed post #COVID19. Now the World will be Pre-Corona, Post-Corona just like in the case of the World Wars. And this would entail significant changes in how we function: Prime Minister’s Office https://t.co/NsJMdaK01h
— ANI (@ANI) May 11, 2020
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि हम एक राज्य के रूप में वायरस से मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। केंद्र को इस महत्वपूर्ण समय में राजनीति नहीं करनी चाहिए। हम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्य बड़े राज्यों से घिरे हुए हैं। इससे निपटने में हम तमाम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि सभी राज्यों को एक समान महत्व दिया जाना चाहिए और हमें टीम इंडिया के रूप में मिलकर काम करना चाहिए।
Compulsory quarantining of stranded Indians returning from abroad was also highlighted. CMs in their suggestions on economy sought support to MSMEs, infrastructure projects like power, easing of interest rates on loans & assured market access to agricultural produce: PM’s Office https://t.co/NcwNK4kDKy
— ANI (@ANI) May 11, 2020
पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकारों को अपने राज्यों के भीतर आर्थिक गतिविधियों से निपटने के बारे में निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्हें रेड, ग्रीन और ऑरेंज जो घोषित करने का अधिकार मिले। साथ उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से सलाह के बाद ही नियमित ट्रेन, हवाई यात्रा और अंतर-राज्य बस सेवाओं को फिर से शुरू करना चाहिए। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत मजदूरों को 200 दिनों का वेतन दिया जाना चाहिए।
Chief Ministers appreciated the leadership of the Prime Minister in the country’s fight against #COVID19 & also highlighted the need to strengthen the medical & health infrastructure in the country: Prime Minister’s Office (PMO) https://t.co/NcwNK4kDKy
— ANI (@ANI) May 11, 2020
आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी ने बैठक में पीएम के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि लॉकडाउन के नियमों में कुछ हद तक छूट देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाए। रेड्डी ने कहा कि राज्य में 97 हजार एमएसएसई के कर्मचारी हैं और नौ लाख लोग इससे जुड़े हैं। इस सेक्टर को संभालने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र को संभालने के लिए पीएम से मैं लॉकडाउन में छूट देने के लिए आग्रह करता हूं, अन्यथा आंध्र में भारी बेरोजगारी आएगी।
In his opening remarks PM said,“We now have reasonably clear indication as to geographical spread of pandemic in India, including worst affected areas. Over past few weeks, officials have understood operating procedures in a time such as this, right up to the District level”: PMO https://t.co/NcwNK4kDKy
— ANI (@ANI) May 11, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि हमने जोर देकर कहा कि लोगों को वहीं रहना चाहिए जहां वे हैं। लेकिन यह मानवीय स्वभाव है कि लोग घर जाना चाहते हैं और इसलिए हमें अपने निर्णयों को बदलना होगा, कुछ निर्णय को हमें बदलने भी पड़े हैं। इसके बावजूद, यह सुनिश्चित करना है कि कोविड-19 गांवों में ना फैले। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती है।
प्रियंका ने मां, भाई, पति और जनता का आभार जताया
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