नई दिल्ली: PM Modi Mann Ki Baat प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 117वां एपिसोड प्रसारित किया। ‘मन की बात’ प्रधानमंत्री का एक मासिक रेडियो कार्यक्रम है, जो 2014 में उनकी सरकार द्वारा शुरू किया गया था। 117वां एपिसोड में पीएम मोदी ने आज कई बातों का जिक्र किया। शुरुआत में नए साल की एडवांस में बधाई के साथ उन्होंने संविधान के 75 वर्ष और प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की भी चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने फिल्मी हस्तियों जैसे मोहम्मद रफी, राज कपूर और अक्किनेनी नागेश्वर राव गारू के भी योगजान की सराहना की। यही नहीं पीएम ने देश में मलेरिया के खिलाफ सफल लड़ाई और कैंसर के इलाज की भारत में बढ़ी संभावनाओं पर भी जोर दिया।
PM Modi Mann Ki Baat पीएम मोदी ने कहा कि साथियो, अब मैं आपको एक ऐसी अनोखी बात बताना चाहता हूँ जो हमारे देश में आ रहे बदलाव और युवा साथियों के जोश और जज्बे का प्रतीक है। क्या आप जानते हैं कि हमारे बस्तर में एक अनूठा Olympic शुरू हुआ है! जी हाँ, पहली बार हुए बस्तर Olympic से बस्तर में एक नई क्रांति जन्म ले रही है। मेरे लिए ये बहुत ही खुशी की बात है कि बस्तर Olympic का सपना साकार हुआ है। आपको भी ये जानकार अच्छा लगेगा कि यह उस क्षेत्र में हो रहा है, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है। बस्तर Olympic का शुभंकर है – ‘वन भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’। इसमें बस्तर की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखती है। इस बस्तर खेल महाकुंभ का मूल मंत्र है –
‘करसाय ता बस्तर बरसाए ता बस्तर’
यानि ‘खेलेगा बस्तर – जीतेगा बस्तर’।
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पहली ही बार में बस्तर Olympic में 7 जिलों के एक लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है – यह हमारे युवाओं के संकल्प की गौरव-गाथा है। Athletics, तीरंदाजी, Badminton, Football, Hockey, Weightlifting, Karate, कबड्डी, खो-खो और Volleyball – हर खेल में हमारे युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। कारी कश्यप जी की कहानी मुझे बहुत प्रेरित करती है। एक छोटे से गांव से आने वाली कारी जी ने तीरंदाजी में रजत पदक जीता है। वे कहती हैं – “बस्तर Olympic ने हमें सिर्फ खेल का मैदान ही नहीं, जीवन में आगे बढ़ने का अवसर दिया है”। सुकमा की पायल कवासी जी की बात भी कम प्रेरणादायक नहीं है। Javelin Throw में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल जी कहती हैं – “अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है”। सुकमा के दोरनापाल के पुनेम सन्ना जी की कहानी तो नए भारत की प्रेरक कथा है। एक समय नक्सली प्रभाव में आए पुनेम जी आज wheelchair पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं। उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है। कोडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी जी को ‘बस्तर youth Icon’ चुना गया है। उनका मानना है – बस्तर Olympic दूरदराज के युवाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का अवसर दे रहा है।
साथियो, बस्तर Olympic केवल एक खेल आयोजन नहीं है। यह एक ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का संगम हो रहा है। जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ :
अपने क्षेत्र में ऐसे खेल आयोजनों को प्रोत्साहित करें
#खेलेगा भारत – जीतेगा भारत के साथ अपने क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं की कहानियां साझा करें
स्थानीय खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर दें
याद रखिए, खेल से, न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि ये Sportsman spirit से समाज को जोड़ने का भी एक सशक्त माध्यम है। तो खूब खेलिए-खूब खिलिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने बस्तर ओलंपिक के महत्व पर चर्चा की, जिसमें 7 जिलों के 1 लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया। उन्होंने इसे विकास और खेलों का एक संगम बताया।
बस्तर ओलंपिक का शुभंकर ‘वन भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’ था, जो बस्तर की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने कारी कश्यप, पायल कवासी और पुनेम सन्ना जैसे खिलाड़ियों का उदाहरण दिया, जिन्होंने बस्तर ओलंपिक में भाग लेकर सफलता हासिल की और जीवन में आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने बस्तर ओलंपिक के जरिए इस क्षेत्र में आ रहे बदलाव की बात की, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह था और अब खेलों और विकास की नई दिशा में अग्रसर हो रहा है।
पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि वे खेलों को प्रोत्साहित करें, स्थानीय खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर दें और खेलों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान दें।
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2 hours ago